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व्यापम घोटाला : उम्मीदवारों और उनके स्थान पर परीक्षा देने वाले डमी कैंडिडेट सहित 11 को 7-7 साल की जेल

व्यापम महाघोटाला
भोपाल । रजाधानी की जिला अदालत ने व्यापमं द्वारा साल 2012 में आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले 11 आरोपियो को सुनवाई पूरी होने के बाद दोषी करार देते हुए 7-7 साल की जेल के साथ ही अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसलजा सीबीआई के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया की कोर्ट ने दिया है। लोक अभियोजक से मिली जानकारी के मुताबिक व्यापमं द्वारा 30 सितंबर 2012 को मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में लोकेंद्र कुमार धाकड़, अविनाश जयंत, राजेश प्रजापति, भूरा रावत, राधेश्याम यादव और विकास रावत पास हुए थे। बाद में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अगस्त 2015 में व्यापमं घोटाले से संबंधित शिकायत दर्ज की थीं।
जॉच में सामने आया कि लोकेंद्र कुमार धाकड़ की जगह हेमंत सिंह जाट, अविनाश जयंत की जगह सर्वेश कुमार झा, राजेश प्रजापति की जगह उसके भाई नरेश प्रजापति, भूरा रावत की जगह रामवीर सिंह रावत और विकास रावत की जगह हरिओम तोमर ने परीक्षा दी थी। जबकि राधेश्याम यादव के स्थान पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने परीक्षा दी थी। सुनवाई के दौरान अभियोजक द्वारा कोर्ट के समक्ष पेश किये गये कई गवाहो, दस्तावेज और आर्टिकल्स के आधार पर आरोपियेा को दोषी करार दिया। सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियो को 7-7 साल के कारावास के साथ ही 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

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