Taza Khabar

मध्य प्रदेश में 45 लाख टन धान की होगी खरीद

भोपाल।

मध्य प्रदेश में आज से न्यूनतम समर्थन मूल्य (2,300 रुपये प्रति क्विंटल) पर धान का उपार्जन 1,412 केंद्रों पर होगा। 45 लाख टन खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। गुणवत्तायुक्त उपार्जन के लिए ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। किसान जो उपज लेकर आएगा, उसकी गुणवत्ता का आकलन नमी, कचरा और टूटन के आधार पर किया जाएगा।

इसके बाद ही उपज को स्वीकार या अस्वीकार कर पर्ची जारी की जाएगी। यदि उपज गुणवत्तायुक्त नहीं होगी तो उसे लौटाकर ठीक करके लाने के लिए कहा जाएगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सामान्य किस्म की धान 2,300 और ग्रेड ए धान का समर्थन मूल्य 2,320 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदी जाएगी। गुणवत्तायुक्त उपज का ही उपार्जन हो, इसके लिए ऑनलाइन निगरानी की व्यवस्था बनाई गई है।

उपज में कचरा मिला तो उसे लौटा देंगे
राज्य और जिला स्तर पर उपार्जन पोर्टल पर दर्ज होने वाली उपज संबंधी जानकारी के आधार पर आकलन किया जाएगा। यदि उपज में कचरा, टूटन या नमी अधिक होती है तो उसे लौटा दिया जाएगा। जब किसान उपज ठीक कराकर निर्धारित मापदंड के अनुसार लाएगा, तब ही उसे स्वीकार किया जाएगा। दरअसल, धान किसान से लेने के बाद उसे चावल बनाने के लिए मिलर्स को दी जाती है। उस समय कई बार नमी, कचरा और टूटन अधिक होने की शिकायत सामने आती है। ऐसी उपज मिलर्स नहीं लेते हैं क्योंकि प्रति क्विंटल धान से 67 किलोग्राम चावल लिया जाता है। जब यह मात्रा नहीं मिलती है तो मिलर्स को नुकसान होता है। यही कारण है कि इस बार गुणवत्तायुक्त उपज की खरीदी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी उपार्जन केंद्रों पर नमी की जांच करने के लिए नमी मापक यंत्र (मायश्चर मीटर) रखे जाएंगे।

मिलिंग भी समय पर होगी
नमी जांचने के बाद धान लेकर सीधे उपार्जन केंद्र से ही मिलिंग के लिए मिर्लस को दी जाएगी। इससे परिवहन और भंडारण व्यय में कमी आने के साथ मिलिंग भी समय पर होगी। भारतीय खाद्य निगम ने मिलिंग के लिए अंतिम सीमा जून रखी है।

मंत्री, प्रमुख सचिव और आयुक्त करेंगे औचक निरीक्षण
उपार्जन के दौरन या उसके बाद होने उपार्जन में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी और आयुक्त सिबि चक्रवर्ती औचक निरीक्षण करेंगे। किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उड़नदस्ते भी जिला स्तर पर गठित होंगे, जो उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण करेंगे।

Related Articles