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हरियाणा में झटके के बाद अखिलेश ने दिखाया बड़ा दिल, जारी रहेगा यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन

लखनऊ
अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन जारी रहने की बात कही है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव में कांग्रेस से सीट न मिलने के बाद भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव यूपी में इस गठबंधन के साथ उपचुनाव में खड़े होने के लिए तैयार हैं। अखिलेश यादव ने सैफई में अपने पिता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि यूपी के आने वाले उपचुनाव के बारे में आज बहुत कुछ नहीं बोलना है। उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन के बारे में स्पष्ट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन जारी रहेगा।

दरअसल, हाल ही में पूरे हुए हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों से पहले सपा ने कांग्रेस से दोनों राज्यों में सीट की मांग की थी। यूपी में चल रहे गठबंधन के बाद से संभावना थी की कांग्रेस इन राज्यों में सपा को सीट देगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस ने दोनों राज्यों में अकेले चुनाव लड़े। अब यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव की तैयारी है। इनमें से 6 सीटों पर सपा अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के एक दिन बाद ही अखिलेश ने ये साफ कर दिया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन भी रहेगा। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि बची हुई 4 सीटों में से कुछ सीट कांग्रेस को मिल सकती हैं। हालांकि यूपी कांग्रेस का 5 सीटों पर दावा था।

पहले कांग्रेस 10 में से उन पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी थी जो भाजपा के पास थी। इसके लिए कांग्रेस और सपा प्रदेश एवं शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत चल रही थी। मगर इसी बीच सपा ने बुधवार को छह सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। इन सीटों में करहल से तेज प्रताप यादव, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद, कटेहरी से शोभावती वर्मा, मझवां से डॉ.ज्योति बिंद को सपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस जिन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी उनमें मीरापुर, गाजियाबाद, खैर, फूलपुर, मझवां थी। इनमें अभी मीरापुर, गाजियाबाद, खैर सीटें ही बची है। कांग्रेस की प्राथमिकता में शामिल मझवां और फूलपुर पर सपा ने प्रत्याशी उतार दिए। इनके अलावा कुंदरकी सीट पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी की घोषणा होनी है।

खाली हुई दस सीटों में से पांच सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थीं। वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थीं। मीरापुर सीट भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी। करहल सीट सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है, जबकि कटेहरी (अंबेडकर नगर) सीट पार्टी के लालजी वर्मा के अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से चुने जाने के कारण खाली हुई है।

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