ट्रंप के आदेश के बाद कैनेडी हत्या से जुड़ी 11,00 से अधिक फाइलें सार्वजनिक, अमेरिका का सबसे बड़ा राज

वाशिंगटन
ट्रंप प्रशासन ने संयुक्त राज्य अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी की हत्या से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक कर दिया। कैनेडी की 1963 में टेक्सास में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद अब यह दस्तावेज जनता के लिए पूरी तरह सुलभ हो गए हैं। इसे सरकारी पारदर्शिता में एक ‘बड़ा कदम’ माना जा रहा है। अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने एक्स पर इस कदम की घोषणा करते हुए कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप अधिकतम पारदर्शिता के एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं। आज, उनके निर्देशानुसार, पहले से संपादित जेएफके हत्याकांड की फाइलें बिना किसी संशोधन के जनता के लिए जारी की जा रही हैं। वादे किए गए, वादे पूरे हुए।”
इस फैसले की वजह से 1,100 से अधिक फाइलें सामने आई हैं, जिनमें 31,000 पृष्ठ है। इन दस्तावेजों में सीआईए मेमो, एफबीआई रिपोर्ट और राजनयिक केबल शामिल हैं, जो कैनेडी की हत्या को लेकर लंबे समय से चल रही अटकलों पर प्रकाश डालते हैं।
इतिहासकार, शोधकर्ता और षड्यंत्र सिद्धांतकार लंबे समय से जेएफके की मौत से जुड़ी घटनाओं को पूरी तरह से समझने की कोशिश कर रहे हैं। कई एक्सपर्ट मानते हैं कि नई उपलब्ध फाइलें मौजूदा ऐतिहासिक कहानी में बहुत ज़्यादा बदलाव नहीं ला सकती हैं। फिर भी लोगों में इस बात को लेकर आकर्षण बना हुआ है कि पूरी सच्चाई अभी भी गुप्त रखी गई है, जिससे नए सिरे से जांच और बहस को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
कैनेडी ने 22 नवंबर, 1963 को डलास, टेक्सास का दौरा किया। कैनेडी अपनी पत्नी जैकलीन, टेक्सास के गवर्नर जॉन कोनली और कोनली की पत्नी नेली के साथ खुली कार में शहर से गुजर रहे थे। तभी गोलियां चलीं। काफिला पार्कलैंड मेमोरियल अस्पताल पहुंचा, जहां गोलीबारी के करीब 30 मिनट बाद कैनेडी को मृत घोषित कर दिया गया; हमले में कॉनली भी घायल हुए थे। उपराष्ट्रपति लिंडन बी. जॉनसन ने दो घंटे और आठ मिनट बाद डलास लव फील्ड में एयर फोर्स वन में राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
पुलिस ने ली हार्वे ओसवाल्ड को गोली मारने के आरोप में गिरफ्तार किया। एक नाइट क्लब के मालिक ने ओसवाल्ड को मुकदमे से पहले ही मार डाला। कैनेडी की हत्या अभी भी व्यापक बहस का विषय है और इसने कई षड्यंत्र सिद्धांतों और वैकल्पिक परिदृश्यों को जन्म दिया; सर्वेक्षणों में पाया गया कि अधिकांश अमेरिकियों का मानना था कि इसमें एक साजिश थी।