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अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग सुरक्षा कारणों से अपनी सभी सेवाएं की बंद

अगरतला

बांग्लादेश और भारत के बीच रिश्ते दिन पर दिन कड़वे होते जा रहे हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार को देखते हुए भारत के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिले. इस बीच त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग ने सुरक्षा कारणों से अपनी सभी सेवाएं अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी है.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उच्चायोग के ही एक अधिकारी ने सेवाएं बंद करने की जानकारी दी है. बांग्लादेश की ओर से यह कदम उसके देश में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध के बाद उठाया गया है. कथित तौर पर कुछ लोगों का एक ग्रुप अगरतला स्थिति बांग्लादेश सहायक उच्चायोग में जबरन घुसने की कोशिश की थी.

अगले आदेश तक सभी सेवाएं सस्पेंड

बांग्लादेश मिशन के प्रथम सचिव एमडी अल अमीन ने कहा कि सुरक्षा स्थिति को देखते हुए अगरतला स्थिति सहायक उच्चायोग की वीजा समेत सभी सेवाएं अगले आदेश तक के लिए सस्पेंड कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.

अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में कथित तौर पर जबरन घुसने के मामले में पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया है. इसके साथ-साथ घटना में शामिल 7 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इसके बाद भी बांग्लादेश उच्चायोग ने अगरतला में अपनी सेवाओं को सस्पेंड करना का फैसला किया है.त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिला

त्रिपुरा की सीमा बांग्लादेश से लगती है. ऐसे में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं. भारत ने अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग के परिसर में जबरन घुसने की घटना को बेहद खेदजनक बताया है.

पश्चिमी त्रिपुरा जिले के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने बताया कि काम मे लापरवाही बरतने के आरोप में चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि तीन उपनिरीक्षकों को निलंबित किया गया है और एक पुलिस उपाधीक्षक को पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है.

 

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