दिल्ली चुनाव: आप पार्टी – भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय लड़ाई होने की संभावना है, करावल नगर से बीजेपी ने बदला उमीदवार
नई दिल्ली
दिल्ली चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियां सक्रिय होती जा रही हैं। 70 विधानसभा सीटों वाले दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप), मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय लड़ाई होने की संभावना है। तीनों पार्टियों के बीच एक-एक विधानसभा सीट के लिए नजदीकी लड़ाई देखने की उम्मीद है, जिसमें करावल नगर विधानसभा सीट भी शामिल है। करावल नगर विधानसभा क्षेत्र, दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 10 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र 2020 के दिल्ली दंगों के केंद्र में था। अगर यहां की कनेक्टिविटी की बात करें तो मेट्रो, डीटीसी बस, कैब और ऑटो रिक्शा के माध्यम से ये दिल्ली के अन्य हिस्सों से जुड़ता है। शहर का नजदीकी मेट्रो स्टेशन जौहरी एन्क्लेव है, जिसकी शहर से इसकी दूरी महज 1.8 किलोमीटर है।
करावल नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल पांच वार्ड आते हैं। इसमें श्री राम कॉलोनी, सादतपुर, करावल नगर-पश्चिम, सोनिया विहार और सबापुर शामिल हैं। अगर विधानसभा के आबादी की बात करें तो देश में हुए 2011 के अंतिम जनगणना के अनुसार करावल नगर विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 2,24,281 थी, लेकिन चुनाव आयोग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार यहां पर मतदाताओं की कुल संख्या तीन लाख के पार हो गई हैं। करावल नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3,07,716 है, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,69,669 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,38,030 है, जबकि 17 थर्ड जेंडर के वोटर हैं। विधानसभा क्षेत्र के चुनावी इतिहास की बात करें तो इसको भाजपा का गढ़ माना जाता है। यहां पर 1992 से चुनाव हो रहे हैं। ये उन चुनिंदा सीटों में से एक है, जहां पर कांग्रेस पार्टी अभी तक एक भी बार जीत हासिल नहीं कर पाई है।
1993 विधानसभा चुनाव में भाजपा के रामपाल ने जीत दर्ज की थी। उसके बाद पार्टी ने मोहन सिंह बिष्ट पर दांव चला। 1998 विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर बिष्ट करावल नगर से पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद उन्होंने जीत का सिलसिला जारी रखा। 2003 में वो दोबारा विधायक चुने गए और 2008 में जीत दर्ज करके उन्होंने जीत की हैट्रिक लगा दी। 2013 विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनावी अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी ने लड़ाई को त्रिकोणीय रूप दे दिया, इसके बावजूद करावल नगर की जनता ने भाजपा प्रत्याशी बिष्ट पर रिकॉर्ड चौथी बार भरोसा जताया। 2015 विधानसभा चुनाव में ‘आप’ प्रत्याशी कपिल मिश्रा ने भाजपा की जीत का सिलसिला तोड़ा और क्षेत्र में पहली बार गैरभाजपाई विधायक चुनकर आया। ‘आप’ प्रत्याशी कपिल मिश्रा ने 1,01,865 वोट हासिल किए, जबकि दूसरे नंबर पर आई भाजपा को 57,434 वोट पड़े।
2020 विधानसभा चुनाव में ‘आप’ ने उम्मीदवार बदलते हुए दुर्गेश पाठक पर भरोसा जताया, जबकि भाजपा ने मोहन सिंह बिष्ट को एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा। बिष्ट 50.6 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 96,721 मत हासिल किए और एक बार फिर करावल नगर से विधायक चुने गए, वहीं ‘आप’ के दुर्गेश पाठक को 88,498 मत हासिल हुए। इस बार भाजपा ने सभी को चौंकाते हुए अपना उम्मीदवार बदल दिया है और ‘आप’ से भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक कपिल मिश्रा को करावल नगर से टिकट दिया। वहीं, आम आदमी पार्टी ने मनोज त्यागी को प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस डॉ. पीके मिश्रा के भरोसे अपनी पहली जीत की तलाश में है।