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धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा- देश मे केवल एआई नहीं एचआई भी होना चाहिए, एच आई का मतलब उन्होंने हिन्दुत्व इंटेलिजेंस बताया

रामपुर
रामपुर में एक निजी कार्यक्रम में प्रवचन करने पहुंचे बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हिन्दुत्व को जगाने की बात की। अपने पूरे प्रवचन के दौरान उन्होंने हिंदुत्व जनजागरण और हिन्दुओं की तरक्की को लेकर प्रवचन दिए, उन्होंने कहा देश मे केवल एआई नहीं एचआई भी होना चाहिए जिसमें एच आई का मतलब उन्होंने हिन्दुत्व इंटेलिजेंस बताया। प्रवचन के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए भी हिंदुत्व को लेकर कई बड़े बयान दिए।

भारत हिंदू राष्ट्र के लिए हमारी कोशिशें, हमारा प्रयत्न है
भारत हिंदू राष्ट्र बने, हिंदू राष्ट्र का मतलब किसी मजहब के खिलाफ नहीं हिंदू राष्ट्र का मतलब सबको लेकर चलना जैसे दुबई में सभी कल्चर संस्कृति रहती हैं। वैसे भी भारत में सबको रहने का अधिकार है यह भारत किसी का नहीं सबका है। सबके दादा परदादाओं ने आज़ादी के लिए युद्ध लड़े हैं। अपने प्राणों की आहुतियां दी हैं। हिंदुत्व का मतलब यह है जीवन जीने की सही विचार धारा। हिंदुत्व का मतलब अहिंसावादी जीवन है।

‘हिंदुत्व का मतलब भारत को विश्व गुरु बनाने की पहल’
संभल पर दिए बयान को लेकर हो रही चर्चाओं पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि संभल वाले बयान में हमने कुछ गलत नहीं दिया हैं। वहां के कलेक्टर महोदय, वहां के एसपी महोदय, वहां के कार्यकर्ता, पुलिस अधिकारी, पदाधिकारी, धन्यवाद के पात्र हैं। सदियों से बंद पड़े हनुमान मंदिर शिव मंदिर को खोद निकाला। सनातन का युग स्वर्णं युग है। हमारे देश में आक्रांताओं ने बाबर ने ब्रिटिश के समय में मुगलों ने चंगेज़ खान जैसे धुर्तों ने भारतीय सनातन संस्कृति की धरोहर को तोड़कर मस्जिदों को बनाया है। अब वहां पुनः मंदिर स्थापित हो रहे हैं। इसलिए मुसलमानों से हम यही कहेंगे और सभी मजहब के लोगों से कि आप बिल्कुल टेंशन ना लें आपके मजहब के खिलाफ सनातन संस्कृति के लोग नहीं हो सकते। जहां जहां मंदिर थे बस वहां वहां मंदिर बनेंगे बस इतना होना है।

‘हमारे मंदिर की जांच करवा लें हमें कोई दिक्कत नहीं’
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि अब हमारे बयान के बाद ओबीसी के पेट में दर्द हो रहा है तो उनकी मूर्खता है। बल्कि उन्हें उदार दिल दिखाते हुए कहना चाहिए कि गुरुजी जितने सनातन धर्म के मंदिर हैं। हमारी तरफ से स्वागत है और हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करना देश की आचार्य श्रद्धा को न मानना है। देश के संविधान का मजाक उड़ाना है। हम तो कहते हैं हमारे मंदिर की जांच करवा लें हमें कोई दिक्कत नहीं है। भैया हिंदुओ को तो दिक्कत नहीं होगी। कितने भी मंदिरों की जांच हो जाए? उन्हें क्यों दिक्कत है इसका मतलब खोट है। उन्हें पता है के अंदर शिव जी बैठे हुए हैं।

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