सृजन कला प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन, राजस्थान के कलाकारों की उत्कृष्ट कृतियों का संगम

जयपुर
राजस्थान पर्यटन दिवस उत्सव की श्रृंखला में राजस्थान पर्यटन विभाग एवं इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स, राजस्थान चैप्टर द्वारा आयोजित सामूहिक कला प्रदर्शनी सृजन का मंगलवार को जवाहर कला केंद्र की अलंकार गैलरी में शुभारंभ हुआ। पर्यटन विभाग के शासन सचिव श्री रवि जैन ने मुख्य अतिथि के रूप में इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।उनके साथ गुजरात स्थित रणछोड़दास मंदिर के मुख्य ट्रस्टी श्री राजाराम जी, इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स राजस्थान चैप्टर की अध्यक्ष श्रीमती जयश्री पेडीवाल एवं प्रदेश के ख्यातनाम कलाकारों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
इस अवसर पर श्री रवि जैन ने प्रदर्शनी में शामिल कलाकृतियों को सराहा और कहा कि किसी भी प्रदेश की कला और संस्कृति वहां की कलाकृतियों में जीवंत होती है। उन्होंने कहा कि “सृजन” कला प्रदर्शनी में राजस्थान की समृद्ध कला, आध्यात्मिकता और परंपराओं की अनूठी झलक देखने को मिलेगी।
इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स, राजस्थान चैप्टर की अध्यक्ष श्रीमती जयश्री पेडीवाल ने इस अवसर पर कहा कि पर्यटन विभाग और इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स का यह संयुक्त प्रयास राजस्थान की कला-संस्कृति को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम आगे भी ऐसे प्रयास करते रहेंगे, जिससे न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा बल्कि पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता भी आएगी।
प्रदर्शनी 25 से 30 मार्च 2025 तक जवाहर कला केंद्र में आयोजित की जा रही है, जिसमें प्रदेश के ख्यातनाम कलाकारों की उत्कृष्ट कृतियां प्रदर्शित की गई हैं। प्रदर्शनी में वरिष्ठ कलाकार गोविंद रामदेव, रामू रामदेव, वीरेन्द्र बन्नू, कैलाश चंद्र शर्मा, के.के. शर्मा, संदीप गोमे, लक्ष्मीनारायण एवं नाथू लाल वर्मा आदि की कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
रामू रामदेव ने वैदिक संस्कृति को चित्रों के माध्यम से सजीव किया है। उनकी कृतियों में श्रीराम और भगवान विष्णु के संसार का चित्रण विशेष आकर्षण का केंद्र है। बेहतरीन चित्रकारी अद्भुत चित्रसंसार रचने वाले ख्याति प्राप्त चित्रकारों की इस प्रदर्शनी में रामू रामदेव सहित गोविंद रामदेव द्वारा मातृशक्ति के विभिन्न स्वरूपों की अद्भुत चित्रकारी प्रस्तुत की गई है।
सृजन कला प्रदर्शनी में कला प्रेमियों को ऐसे चित्र देखने को मिलेंगे जो भक्ति, परंपरा और आध्यात्मिकता के गहरे प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं। यहां श्रीनाथजी की श्रृंगारिक छवियों से लेकर ध्यान और पवित्र प्रतीकों से सजी कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं, जो दर्शकों को आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करती हैं। इस कला प्रदर्शनी के साथ ही राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य में एक सप्ताह के विभिन्न सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा।