मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सूबे के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा
भोपाल
नए साल की शुरुआत के साथ ही मध्य प्रदेश में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि 15 जनवरी तक मध्य प्रदेश में नए अध्यक्ष की ताजपोशी हो सकती है, क्योंकि दिल्ली से लेकर भोपाल तक कई संगठनात्मक बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें अध्यक्ष पद को लेकर रायशुमारी हुई है. फिलहाल खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, वह 2020 से लेकर 2025 तक की पारी खेल चुके हैं. अध्यक्ष पद को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही है, क्योंकि इस पद के लिए कई नेता दावेदार नजर आ रहे हैं.
वीडी शर्मा को मिला था विस्तार
वीडी शर्मा को बीजेपी ने 2020 में मध्य प्रदेश का अध्यक्ष बनाया था, जिसके बाद 2023 में उनका कार्यकाल पूरा हो गया था, क्योंकि बीजेपी में अध्यक्ष पद का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन विधानसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से उनके कार्यकाल को विस्तार दिया गया था, जिसके बाद से वह चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. हालांकि वीडी शर्मा अब भी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल माने जा रहे हैं, क्योंकि उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है. हालांकि चर्चा यह भी है कि वीडी शर्मा को पार्टी कोई दूसरी जिम्मेदारी सौंप सकती है, ऐसे में उनकी जगह कोई और नेता ले सकता है.
क्या मध्य प्रदेश फिर दिखेगा बीजेपी का सवर्ण दांव
मध्य प्रदेश में अध्यक्ष पद को लेकर बीजेपी के सवर्ण दांव की चर्चा फिर से तेज हो गई है. क्योंकि फिलहाल प्रदेश में बीजेपी की राजनीतिक व्यवस्था को देखा जाए तो पार्टी ने सभी वर्गों को साधने का काम किया है. बीजेपी ने ओबीसी से आने वाले डॉ. मोहन यादव को सीएम बनाया है, जबकि डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा एससी वर्ग से आते हैं. ये दोनों ही नेता मालवा जोन से आते हैं, इसी तरह राजेंद्र शुक्ला को भी डिप्टी सीएम बनाया गया है जो ब्राह्राण हैं और विंध्य अंचल से आते हैं. जबकि सवर्ण वर्ग के नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है जो चंबल रीजन से आते हैं. सवर्ण वर्ग से आने वाले वर्तमान अध्यक्ष वीडी शर्मा बुंदेलखंड रीजन से सांसद हैं, ऐसे में उनकी जगह बीजेपी किसी सवर्ण वर्ग के नेता पर ही दांव लगा सकती है.
नरोत्तम मिश्रा के साथ ये नेता दावेदार
मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सूबे के पूर्व गृहमंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता नरोत्तम मिश्रा के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा है, वह पिछले कुछ दिनों में तेजी से राज्य की राजनीति में एक्टिव भी दिख रहे हैं, जबकि हाल में उन्होंने कई बार वीडी शर्मा से मुलाकात भी की है. मिश्रा के दिल्ली दौरे की भी चर्चा है. इसके अलावा भोपाल की हुजूर सीट से तीन के बार के विधायक रामेश्वर शर्मा के नाम की चर्चा भी चल रही है. शर्मा इस बार मंत्री पद के भी दावेदार थे, लेकिन उन्हें जगह नहीं मिली थी, जिसके बाद उनके नाम की चर्चा अध्यक्ष पद के लिए भी चल रही है. वहीं पूर्व मंत्री अरविंद सिंह भदोरिया का नाम भी इस रेस में शामिल हैं, भदोरिया को संगठन का कुशल रणनीतिकार माना जाता है.
ये नाम भी चौंका सकते हैं
बीजेपी राजनीतिक अपने सरप्राइज के लिए भी जानी जाती है. 2014 के बाद से ही बीजेपी ने अब तक कई चौंकाने वाले फैसले किए हैं, ऐसे में इस बात की भी पूरी संभावना है कि किसी अनजाने चेहरे की एंट्री भी हो सकती है. पन्ना से विधायक और पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम भी तेजी से अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हुआ है. माना जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान की दिल्ली में हुई बैठक में भी इन दोनों की चर्चा हुई है. वहीं भोपाल से पार्टी सांसद आलोक शर्मा भी अध्यक्ष की दौड़ में शामिल माने जा रहे हैं.
आदिवासी वर्ग की भी चर्चा
बीजेपी का फोकस हमेशा आदिवासी वर्ग पर भी रहा है. मोहन सरकार में आदिवासी वर्ग से आने वाले मंत्रियों की संख्या अच्छी खासी है, जिनके पास बड़े विभागों की जिम्मेदारियां हैं. ऐसे में अगर बीजेपी आदिवासी वर्ग से आने वाले नेता पर दांव लगाती है तो इस लिस्ट में मंडला से आठ बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम भी रेस में शामिल हैं. वह अटल और मोदी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के नाम की चर्चा भी कई बार हो चुकी है. जबकि अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले नेता पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य के नाम की चर्चा भी तेज है.
15 जनवरी तक मिल सकता है नया अध्यक्ष
मध्य प्रदेश में फिलहाल बीजेपी के संगठन चुनावों की प्रक्रिया जारी है, जिसके तहत मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियां हो चुकी हैं, जबकि जिला अध्यक्षों के लिए रायशुमारी का दौर जारी है. वहीं माना जा रहा है कि 15 जनवरी तक प्रदेश में नए अध्यक्ष की ताजपोशी भी हो सकती है. क्योंकि जिला अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया इस हफ्ते में पूरी होने की उम्मीद है, ऐसे में फिर नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है.