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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों से पथराव और लूट की घटनाएं बढ़ीं, पुलिस ने गश्त बढ़ाई

रतलाम
 दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के रतलाम जिले की सीमा में रावटी व शिवगढ़ थाना क्षेत्र के करीब 15 किलोमीटर क्षेत्र में आए दिन वाहनों पर पथराव व लूट की वारदातें होती रहती है। दो दिन पहले भी लुटेरों ने एक वाहन में सवार लोगों को लूटने का प्रयास किया था।

वाहन एक्सप्रेस-वे के गश्ती दल का होने से लुटेरे वारदात नहीं कर पाए। इसके पहले कई बार वाहनों पर पथराव की घटनाएं हो चुकी हैं। पुलिस ने हाईवे पर गश्त बढ़ा दी है। वहीं पथराव व लूट की वारदातों पर अंकुश लगाने तथा बदमाशों को पकड़ने के लिए ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जाएगी।

नाइट विजन के हाई क्वालिटी ड्रोन से होगी निगरानी

नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने दो ड्रोन खरीदने की स्वीकृत दी है। पुलिस एक-दो सप्ताह में नाइट विजन के हाई क्वालिटी के ड्रोन खरीदकर उनसे निगरानी शुरू करेगी। मंदसौर के बाद रतलाम होकर झाबुआ होते हुए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे मुंबई की तरफ जाता है।

15 किमी क्षेत्र में होती हैं पथराव और लूट की वारदातें

रतलाम जिले का करीब 90 किलोमीटर का एरिया आता है। मंदसौर व रतलाम एरिया का काम लगभग पूरा होने के साथ ही करीब डेढ़ वर्ष पहले इस पर आवागमन भी शुरू कर दिया गया है। जिले में रावटी व शिवगढ़ थाना क्षेत्र के करीब 15 किलोमीटर के एरिया में बदमाश पथराव व लूट की वारदातों को अंजाम देते हैं।

पुलिस की गश्त का नहीं दिखता असर

हाईवे पर कई बार वाहनों पर पथराव व लूट की वारदातें हो चुकी है। यात्रियों के सुरक्षा देने के लिए एनएचएआई के दल गश्त करते हैं। वहीं पुलिस भी गश्त करती हैं। गश्ती दल के आने के पहले या गश्त कर जाने के बाद बदमाश वाहनों पर पथराव कर वारदातें करते हैं।

सात लाख रुपये से खरीदे जाएंगे ड्रोन

रात के अंधेरे में वारदात कर बदमाश भाग जाते हैं। हर जगह सीसीटीवी कैमरे नहीं होने से कई बार बदमाशों की पहचान भी नहीं हो पाती है। इसलिए अब बदमाशों की पहचान करने के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी। जानकारी के अनुसार पुलिस करीब सात लाख रुपये की लागत से हाई क्वालिटी के दो ड्रोन खरीदेगी।

मोबाइल फोन पर भी देखे जा सकेंगे

ड्रोन उच्च क्वालिटी के होंगे तथा उनमें वीडियो-फोटो एचडी में ही बनेंगे। फोटो की क्वालिटी ऐसी होगी कि उनमें जमीन पर दिखने वाले व्यक्ति को नाइट विजन कैमरा झूम करके रात में भी स्पष्ट रूप से देखकर पहचाना जा सकेगा।

कैमरों की उच्च गुणवत्ता होने से उन्हें वाईफाई से जोड़कर अधिकारियों के मोबाइल फोन से कनेक्ट किया जाएगा तथा वे गतिविधियों को दो किलोमीटर तक की रेंज में देख सकेंगे। ड्रोन पुलिस कंट्रोल रूम से भी जोड़ा जाएगा। नाइट विजन कैमरों से निगरानी के लिए एक्सपर्ट को बुलाया जाएगा। वे स्थानीय पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे तथा कुछ समय उनके साथ रहेंगे।

नाइट विजन कैमरे से लैस होंगे

ड्रोन नाइट विजन कैमरे से लैस होंगे। वे ऊपर उड़ने के बावजूद जमीन पर होने वाली पत्थरबाजी के बदमाशों की गतिविधियों को थर्मल इमेज के जरिये कैप्चर कर लेंगे। वैसे ज्यादातर घटनाएं रावटी व शिवगढ थाना क्षेत्र के करीब 15 किलोमीटर क्षेत्र में होती हैं।

वहीं नामली व सैलाना थाना क्षेत्र के भी कुछ स्थानों पर लूट व मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं। पुलिस ने नामली के पास से लेकर झाबुआ जिले की सीमा तक सात स्थानों को चिह्नित किया है, जहां विशेष निगरानी की जाएगी।

पुलिस ने कानवाय शुरू किया

    कानवाय शुरू की, शीघ्र ड्रोन शुरू करेंगे एक्सप्रेस-वे पर वाहनों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक छोड़ने के लिए कानवाय शुरू कर दी गई है। गश्त बढ़ाई गई है। जल्द ही ड्रोन से निगरानी भी शुरू की जाएगी। – राकेश खाखा, एएसपी

 

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