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राजस्थान-अजमेर में कश्मीरी युवाओं ने किया ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण

अजमेर.

माय भारत (ने.यु.के.सं) युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गृह मंत्रालय के सहयोग से आयोजित छह दिवसीय कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का बुधवार को अजमेर के एक निजी होटल में समापन हो गया। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अतिरिक्त जिला कलेक्टर ज्योति ककवानी उपस्थित रहीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोटोकॉल अधिकारी अपूर्वा परवाल, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर के प्राचार्य मनोज बेहेरवाल, सहायक आचार्य अनूप कुमार आत्रेय, और पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के उपनिदेशक पवन अमरावत शामिल हुए।

प्रथम सत्र में पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर से आए भील नाथ के समूह ने कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके बाद फीडबैक सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें कश्मीरी युवाओं ने अजमेर भ्रमण के अपने अनुभव साझा किए। बारामूला से टीम प्रभारी सोनिया गुलाम ने ‘पधारो म्हारे देस’ की राजस्थानी परंपरा और माय भारत (ने.यु.के.सं) की पूरी टीम की सराहना की। द्वितीय सत्र में मुख्य अतिथि ज्योति ककवानी और सभी विशिष्ट अतिथियों का जिला युवा अधिकारी जयेश मीना ने स्वागत किया और 6 दिवसीय कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कश्मीरी युवाओं को अजमेर जिले के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया गया और विषय विशेषज्ञों द्वारा शैक्षणिक सत्र आयोजित किए गए। सभी अतिथियों के सम्मान में कैलाश दमामी और उनके समूह ने नगाड़ा वादन की प्रस्तुति दी। मंच का संचालन करते हुए शिल्पा कच्छवाहा उपाचार्य राजकीय केंद्रीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय अजमेर ने मारवाड़ी भाषाशैली में ऐसा समागम रखा कि कश्मीरी युवाओं का मन मोह लिया। मनोज बेहेरवाल ने अपने अभिवादन में कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत से कश्मीर का दिल जीतने की बात कही। पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के उपनिदेशक पवन अमरावत ने अपने संबोधन में राजस्थान के लोक कलाकारों द्वारा लोक कला को जीवित रखने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम हर संभाग स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं। अनूप कुमार आत्रेय ने कश्मीरी युवाओं से विकसित भारत@2047 से जुड़ने का आह्वान किया। मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर ज्योति ककवानी और प्रोटोकॉल अधिकारी अपूर्वा परवाल ने कश्मीरी युवाओं से संवाद कर कश्मीर की मूलभूत परेशानियों पर उनके विचार जाने। उन्होंने सभी युवाओं को प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न वितरित किए। कश्मीर से लाए गए परंपरागत शॉल, वालनट, सेब, केसर, शिलाजीत जैसे उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। संजय सेठी द्वारा मांडना कला पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। राधा देवी और उनके समूह ने चरी-भवई नृत्य की प्रस्तुति दी। महाराणा प्रताप युवा मंडल के अध्यक्ष मयंक सिंह नेगी ने युवाओं और नेहरू युवा केंद्र के अधिकारी-कर्मचारियों का आभार प्रकट किया और कार्यक्रम के प्रबंधन में अपने अनुभव साझा किए। जिला युवा अधिकारी जयेश मीना ने बताया कि मयंक सिंह नेगी की अध्यक्षता में महाराणा प्रताप युवा मंडल के सभी सदस्यों — लोकेंद्र, अनमोल, विवेक, प्रियांशु, आकाश, कुलदीप, यशिका, कृतिका, और खेमराज ने निस्वार्थ भाव से स्वयंसेवक के रूप में काम किया और कश्मीरी युवाओं का परिवार की तरह ख्याल रखा। इस कार्यक्रम में सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन, प्रोटोकॉल अधिकारी, और जिला प्रशासन का पूर्ण योगदान रहा।

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