NIA पहुंची फरीदकोट, गुरप्रीत हत्याकांड की जांच करेगी, अमृतपाल और अर्श डल्ला आरोपी
फरीदकोट.
फरीदकोट के गुरप्रीत सिंह हत्याकांड की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए करेगी। पंथक संगठनों से जुड़े नौजवान गुरप्रीत सिंह हरीनौ की हत्या में आंतकी कनेक्शन होने के चलते जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी एनआईए की एक टीम ने फरीदकोट पहुंची है। एनआईए टीम की तरफ से इस केस में गिरफ्तार अर्श डल्ला गिरोह से जुड़े दोनों शूटरों से पूछताछ की जा रही है।
जानकारी के अनुसार वारिस पंजाब दे संस्था के पूर्व वित्तसचिव व पंथक संगठनों से जुड़े गुरप्रीत सिंह हरीनौ की इसी साल 9 अक्तूबर को उनके पैतृक गांव में मोटरसाइकिल सवार दो शूटरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में हाल ही में पुलिस ने कनाडा में बैठे गैंगस्टर से आतंकी बने अर्श डल्ला गिरोह से जुड़े बरनाला जिले के रहने वाले दो शूटरों नवजोत सिंह व अनमोलप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था, जोकि फिलहाल पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं। इस मामले में अब केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने भी जांच शुरू की है।
केंद्रीय एजेंसी की टीम ने फरीदकोट के सीआईए स्टाफ में दोनों शूटरों से पूछताछ करके इस हत्याकांड के पीछे आतंकी कनेक्शन की पड़ताल शुरू की गई। इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर विदेश में बैठे आतंकी अर्श डल्ला और डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह को भी नामजद किया है। इस हत्याकांड में अब तक पुलिस द्वारा दोनों शूटरों समेत कुल 6 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें हत्या से पहले रेकी करने वाले 3 आरोपियों के अलावा हत्या के एवज में अर्श डल्ला से भुगतान हासिल करने वाला शूटर का भाई शामिल है।
जान से मारने की मिल रही थी धमकियां
फरीदकोट के थाना सदर के अधीन गांव हरीनौ में नौ अक्तूबर की शाम गुरप्रीत सिंह की मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर थी। गुरप्रीत सिंह बुधवार शाम अपने गांव में सरपंच पद की एक महिला उम्मीदवार के हक में प्रचार करने के बाद अपने घर वापस लौट रहा था। इसी दौरान मोटरसाइकिल पर सवार युवकों ने उसे गोली मार दी। तीन से चार गोलियां लगने से गंभीर घायल गुरप्रीत सिंह को फरीदकोट के गुरुगोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूत्रों के मुताबिक गुरप्रीत सिंह वारिस पंजाब समेत बहिबल इंसाफ मोर्चे से भी जुड़ा था। कुछ समय पहले गुरप्रीत सिंह को जान से मारने की धमकियां भी मिली थी।