Taza Khabar

राष्ट्रीय बैगा परिवारों को वन भूमि से बेदखल कर वृक्षारोपण की तैयारी

मंडला
 केंद्र व मध्यप्रदेश सरकार बैगायों को राष्ट्रीय मानव का दर्जा दिया गया है उनके लिए तरह तरह के योजनाएं संचालित कर रही है एवं बैगा परिवारों को जमीनी स्तर से ऊपर उठाने को सोच रहा है। वहीं एक गंभीर मामला सामने आया है जोकि मंडला जिले के विकासखण्ड मव्ई ग्रामीण अंचल जमगांव दादर(मेंढा)  में आदिवासी बैगा परिवारों को वन भूमि से बेदखल कर वृक्षारोपण की तैयारी कर दिया गया है।

दरअसल विगत बीस वर्षों से वन भूमि पर खेती कर रहे बैगा परिवारों को बेदखल कर उक्त भूमि पर वन विभाग द्वारा गढढे किया जाकर वृक्षारोपण की तैयारी किया जा रहा है। अब राष्ट्रीय मानव बैंगा परिवार को लेकर सरकार के उपर जनप्रतिनिधि व आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण अंचलों के जनता क्ई सवाल उठा रहें है। एक तरफ राष्ट्रीय मानव का दर्जा दूसरी तरफ बैगा परिवारों का शोषण किया जा रहा है।

वर्ष 2001 में उक्त भूमि को लेकर 44 बैगा आदिवासी के ऊपर जमीन अतिक्रमण का मामला भी बनाया गया था।वर्ष 2006 में बने वन अधिकार कानून में स्पष्ट प्रावधान है कि 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व वन भूमि काबिज आदिवासियों को वन भूमि का अधिकार पत्र मिलेगा। जो उक्त भूमि पर खेती कर अपनी आजीविका चला रहे हैं, इन बैगा परिवारों के पास भी इस जमीन के अलावा अन्य कोई कृषि भूमि नहीं है।

वन भूमि पर खेती कर रहे बैगा परिवारों ने वन अधिकार का अपना वयक्तिगत दावा प्रपत्र पंचायत में प्रस्तुत किया था। लेकिन लंबित दावों का आजतक निराकरण नहीं हुआ है। जबकि वन अधिकार कानून 2006 की कंडिका – 4(5) में स्पष्ट प्रावधान है कि ‘जैसा अन्यथा  उपबंधित है। उसके शिवाय, किसी वन में निवास करने करने वाली अनुसूचित जनजाति या अन्य परम्परागत वन निवासियों का कोई सदस्य उसके अधिभोगाधीन वन भूमि से तब तक बेदखल नहीं किया जाएगा या हटाया नहीं जाएगा, जबतक कि मान्यता और सत्यापन प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है।’

विगत एक माह से जबरन वन विभाग एवं कुछ गांव के लोगों के सहयोग से  बैगा परिवारों की जमीन पर वृक्षारोपण के लिए गढढा किया जा रहा है।जबकि उक्त भूमि पर सरकार के योजनाएं अंतर्गत खेत तालाब, मेढ़ बंधान, बोल्डर कार्य सहित प्रधानमंत्री आवास तक बने हैं।

जिससे समस्या को लेकर गांव के मुख्य वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मानसिंह निमोनिया, बैसाखु मुर्खिया,नंद कुमार धुर्वे, बुधराम मरावी,वन अधिकार समिति अध्यक्ष राम रतन मरावी, सुभरन बाई, संगीता विश्वकर्मा आदि ने कलेक्टर से तत्काल हस्तक्षेप करते हुए न्याय दिलाने की गुहार किया है।

Related Articles