पंजाब सरकार ने खेतों में बिजली टॉवर लगाने के लिए किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे में बढ़ोतरी की
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चंडीगढ़
पंजाब सरकार ने खेतों में बिजली टॉवर लगाने के लिए किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे में बढ़ोतरी की है। यहां तक कि जिन किसानों के खेतों में से बड़ी तार गुजरेगी, उन्हें भी पर्याप्त मुआवजा मिलेगा। विद्युत विभाग ने इस संबंध में 3 फरवरी को अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे अब खेतों से होकर नई विद्युत लाइन बिछाने में आ रही बाधाएं दूर हो गई हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कुछ दिन पहले बिजली विभाग को किसानों का मुआवजा बढ़ाने की मंजूरी दी थी। इस निर्णय से किसानों को प्रतिवर्ष लगभग 125 करोड़ रूपए मुआवजा मिलेगा।
नया मुआवजा फार्मूला भविष्य की 66 केवी, 132 केवी, 220 केवी और 400 केवी लाइनों पर लागू होगा। इससे पहले खेतों में बिजली लाइन के टावरों के बीच की जगह ही मिलती थी जोकि जमीन की प्रति एकड़ कीमत का केवल 85 प्रतिशत था। अब भूमि मूल्य का 200 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा तथा टावर के चारों ओर बिजली लाइनों के साथ एक मीटर जगह के लिए भी मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा, यदि खेतों से बड़ी बिजली लाइन गुजरती है तो किसानों को उसके तार के नीचे के क्षेत्र का भी मुआवजा मिलेगा।
यह मुआवजा पहले उपलब्ध नहीं था। विद्युत विभाग हर साल नई विद्युत लाइनें बिछाता है। कई बार तो कई बाधाएं उत्पन्न हो जाती हैं, जैसे कि किसान नए टावरों का विरोध भी करते हैं। नए फार्मूले के अनुसार अब किसानों को उनकी जमीन के बदले पर्याप्त मुआवजा मिलेगा। उदाहरण के लिए यदि जमीन का कलेक्टर रेट 16 लाख रुपए प्रति एकड़ है तो पहले 220 केवी बिजली लाइन के लिए मुआवजा 43,000 रुपये प्रति किलोमीटर था, अब यह मुआवजा 42 लाख रुपये प्रति किलोमीटर मिलेगा। इसी प्रकार, 66 केवी लाइन के लिए प्रति किलोमीटर मुआवजा पहले 26,000 रुपए था, जो अब 22 लाख रुपये प्रति किलोमीटर होगा।
बिजली की लाइनें शहरों से गुजरने पर भी मिलेगा मुआवजा
यदि ये बिजली लाइनें शहरों से होकर गुजरेंगी तो उन बिजली मालिकों को भी यह मुआवजा राशि मिलेगी। किसान भी खेतों का उपयोग पहले की तरह कर सकेंगे। पावरकॉम को उम्मीद है कि नए फैसले से किसानों को पर्याप्त मुआवजा मिलेगा, साथ ही कई अन्य बाधाएं भी दूर होंगी।