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कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन किया गया-राजनाथ सिंह

नई दिल्ली
संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमले बोले। उन्होंने कहा कि आज लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं। लेकिन ये समझने की जरूरत है कि किसने संविधान का सम्मान किया है और किसने अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन किया गया।

अब तक 62 बार संशोधन
राजनाथ ने सत्ता पक्ष की तरफ से बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि आजाद भारत के इतिहास को देख लीजिए। कांग्रेस ने न केवल संविधान संशोधन किया है बल्कि दुर्भावना के साथ-साथ धीरे-धीरे संविधान को बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जब देश के पीएम थे,तो उस समय लगभग 17 बार संविधान में बदलाव किया गया। इंदिरा गांधी के समय लगभग 28 बार संविधान में बदलाव किए गए। राजीव गांधी के समय लगभग 10 बार और मनमोहन सिंह के वक्त 7 बार संविधान में बदलाव किया गया।

प्रेस पर भी किया हमला
राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों द्वारा किए गए अधिकांश संविधानिक संशोधन या तो विरोधियों और आलोचकों को चुप कराने के लिए किए गए या तो गलत नीतियों को लागू करने के लिए किए गए। उन्होंने कहा कि आप पहले संविधान संशोधन को ही ले लीजिए, साल 1950 में प्रेस में कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों की आलोचना हो रही थी। ऐसे में तब की कांग्रेस की सरकार ने आरएसएस के साप्ताहिक प्रकाशन ऑर्गेनाइजर और मद्रास से निकलने वाली पत्रिका क्रॉस रोड को प्रतिबंधित कर दिया था।

एक पूर्व जस्टिस का राजनाथ ने किया जिक्र
राजनाथ ने कहा कि आज संविधान की रक्षा की बात की जा रही है,ये समझने की जरूरत है कि किसने संविधान का सम्मान किया है और किसने अपमान किया है? उन्होंने इसी संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एच आर खन्ना की आत्मकथा,नाइदर रोजेज नॉर थार्न किताब से एक पंक्ति उदृत किया। उन्होंने कहा कि जस्टिस खन्ना ने लिखा कि मैं अपनी छोटी बहन संतोष को कहा कि मैंने एक जजमेंट तैयार किया है जिसके कारण मैं देश का चीफ जस्टिस नहीं बन पाऊंगा।

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