Taza Khabar

आठ हजार का काम कर हड़पना चाहते थे सात लाख, बेली में पदस्थ सचिव की व्यथा कथा

उमरिया
उमरिया जिले के आदिवासी जनपद पंचायत पाली में पदस्थ कतिपय सचिव को मिले राजनैतिक संरक्षण में भष्टाचार अमर बेल की जड़ बन चुके हैं , जहां भी अमर बेल जाती हैं लहलहाने लगती है , ऐसे ही चमत्कारी सचिव पाली जनपद क्षेत्र में फल -फूल रहे हैं । आर्थिक अनियमितताओं के लिए चर्चित सचिव गणों को  मानपुर क्षेत्र के भ्रष्ट नेताओं के बलबूते भष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाते देखें जा रहे हैं फिर भी उनका बाल बांका नहीं होता । बताया जाता है कि पाली जनपद क्षेत्र में पद स्थापना से लेकर अब तक अधिकांश सचिव पाली जनपद में ही एक ग्राम पंचायत से लेकर दुसरे ग्राम पंचायतों में पदस्थ कर दिये जाते हैं, जिनसे इनके हौसला अफजाई करने वाले नेताओं की खूब चलती है ।

अब तक अधिकतम दो या तीन सचिवों को ही जनपद के बाहर का रास्ता दिखाया गया है उनमें से भी लगभग सभी लोग पुनः वापस होने में सफल हो गए हैं । एक ऐसा ही मामला बेली ग्राम पंचायत में पदस्थ रह चुके सचिव महावीर सिंह का बतलाया जाता है, जिन्हें क्षेत्र के ओहदे वर नेता का संरक्षण मिला हुआ है , तभी तो विकास कार्यों के नाम पर उन्होंने अब तक करोड़ों रुपयों के वारे न्यारे कर चुके हैं । बताया जाता है कि अभी हाल में बेली ग्राम पंचायत में गंगा जल संवर्धन योजना में एक तालाब के गहरीकरण, साफ-सफाई का काम आंबटित किया गया था ‌।

उल्लेखनीय है कि कार्यालय कलेक्टर ( जिला पंचायत उमरिया) के पत्र क्र 1811/ न क्र – जि पं/ मनरेगा/2024-25 उमरिया दिनांक 21-6-24 के व्दारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गयी थी । मालूम होवे कि कार्य पालन यंत्री सेवा संभाग उमरिया के पत्र क्र 350 उमरिया दिनांक 14-6-24 के व्दारा प्रस्तुत तकनीकी स्वीकृति मनरेगा मद से 3.84 लाख और 15वां वित्त से 3.31 लाख रुपए कुल 7.15 लाख की राशि स्वीकृत की गयी थी ।

इस राशि में से कुल तालाब से 35.2 घन मीटर मिट्टी निकाली गई थी , जिसमें वास्तविक रूप से 8875.00 रूपए व्यय हुए , जबकि उक्त सचिव व्दारा इस मद में वाउचर प्रकार एक्सपेंडिचर के नाम पर दिनांक 11-8-24 को 75600 रूपये और वाउचर क्र  एक्स व्ही एफ सी/2024-25/ पी/36 दिनांक 23-10-24 में 63000.00 कुल 141065 की राशि व्यय की जानकारी मिली है, चूंकि सचिव महोदय के व्दारा इस संबंध में अधिकृत रूप से कोई बिल वाउचर अब तक प्रस्तुत नहीं किया गया है जबकि इस संबंध में जनपद पंचायत के व्दारा पत्र लिखकर बिल वाउचर मंगाये गये हैं लेकिन उन्होंने जनपद पंचायत के आदेश का पालन करना उचित नहीं समझा । इतना ही नहीं जानकार सूत्रों का कहना है

कि स्वीकृति लागत राशि को पूरी हड़प गये हों तो कोई आश्चर्य नहीं होगा ।इस मामले की  शिकायत होने के कारण मामला खटाई में पड़ गया है । इस मामले की बमुश्किल जांच हुई और उसमें सारा राज फाश हुआ । अभी भी इस सचिव पर कोई वैधानिक कार्यवाही होगी,इस बात पर संशय बरकरार है, क्योंकि सचिव को मिला राजनैतिक संरक्षण सुरक्षा कवच को जिम्मेदार अधिकारियों के भेदने में असफल बनें हुए कहा है ।

Related Articles