‘आप गारंटी लेते हो…’, छापा मारने पहुंचे ED अफसरों से अमानतुल्लाह की जोरदार बहस
नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान के घर पर सोमवार सुबह जब ईडी की टीम छापेमारी के लिए पहुंची. अमानतुल्लाह ने शुरुआत में ईडी की टीम को घर के भीतर दाखिल नहीं होने दिया, जिसे लेकर बड़ा हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ.
यह घटना सुबह आठ बजे के आसपास की है, जब ईडी की टीम अमानतुल्लाह के घर में दाखिल नहीं हो पाई तो दिल्ली पुलिस की टीम को मौके पर बुलाया गया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि स्थानीय पुलिस स्टेशन जामिया नगर के एसएचओ नरपाल सिंह अमानतुल्लाह खान को समझाने की कोशिश कर रहें हैं कि आप अगर घर के अंदर नहीं आने देना चाहते तो आप खुद घर के बाहर आ जाए और पूछताछ में सहयोग करें. लेकिन इसके बावजूद विधायक खान लगातार बहस करते रहे.
उन्होंने कहा कि अगर मेरी गिरफ्तारी के बाद मेरी सास की मौत हुई तो क्या आप जिम्मेदारी लेंगे? खान ने कहा कि आप जिम्मेदारी लीजिए कि अगर मेरी सास की मौत हुई तो आपकी जिम्मेदारी होगी. वीडियो में ईडी के एक अधिकारी कहते है की आप तेज आवाज में बात करके खुद अपनी सास को परेशान कर रहे हैं. आप खुद फ्लैट के बाहर आ जाएं. वीडियो में विधायक ये भी कहते सुनाई दे रहे हैं- पिछले साल भी अक्टूबर महीने में आपने मेरे इसी घर में रेड की थी तो अब क्या तलाशने आए हैं?
इस पर ईडी के अधिकारी अमानतुल्लाह को कहते हैं कि आप तेज आवाज में बोलकर अपनी सास को खुद परेशान कर रहे हैं.
मुझे गिरफ्तार करने घर पहुंची है ईडी: अमानतुल्लाह खान
इससे पहले सोमवार सुबह सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अमानतुल्ला खान ने दावा किया था कि अभी सुबह-सुबह तानाशाह के इशारे पर उनकी कठपुतली ईडी मेरे घर पर पहुंच चुकी है, मुझे और आम आदमी पार्टी नेताओं को परेशान करने में तानाशाह कोई कसर नहीं छोड़ रहा. ईमानदारी से अवाम की खिदमत करना गुनाह है? आखिर ये तानाशाही कब तक?
ईडी की इस छापेमारी पर अमानतुल्लाह के कजिन मिनातुल्लाह खान ने कहा कि उनके भाई की सास का हाल ही में ऑपरेशन हुआ है. वह कैंसर की मरीज हैं. एसीबी और सीबीआई की जांच के बावजूद अभी तक कुछ नहीं मिला. अब ईडी जांच कर रही है.
क्या है दिल्ली वक्फ घोटाला?
आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की जांच के घेरे में हैं. AAP विधायक पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए 32 लोगों की अवैध रूप से भर्ती की और फंड का गलत इस्तेमाल किया. इसके साथ ही उन्होंने अवैध रूप से दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को किराए पर दिया.
उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड के फंड का गलत इस्तेमाल किया. दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन सीईओ ने इस तरह की अवैध भर्ती के खिलाफ बयान जारी किया था. जांच के दौरान अमानतुल्लाह के करीबियों के ठिकानों से कैश बरामद हुए थे.