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करौली बाबा आश्रम में 1.51 लाख में होती है मुलाकात, देश-विदेश से आते हैं भक्त,

कानपुर । करौली आश्रम के बाबा संतोष भदौरिया ने शहर से दस किलोमीटर दूर अपना साम्राज्य बसाया है। यहां देश-विदेश से भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं, जिनमें एनआरआई की लंबी सूची है। बाबा से हवन करने के बाद लोग मिलते हैं और 1.51 लाख रुपये में एक मुलाकात होती है।

कानपुर में नोएडा के डॉक्टर से आश्रम में हुई मारपीट के बाद करौली बाबा उर्फ संतोष भदौरिया की चर्चा नेशनल ही नहीं इंटरनेशनल सोशल मीडिया पर जोरों पर चल रहा है। रामादेवी से करीब 10 किलोमीटर दूर पतली सड़क पर जाने के बाद संतोष सिंह भदौरिया का साम्राज्य है।
तीन दिन पहले तक तो सब ठीक चल रहा था, लेकिन संतोष सिंह भदौरिया की लंका ढहाने के लिए नोएडा का एक डॉक्टर आ गए। डॉक्टर अपने परिवार के साथ आया तो था चमत्कार देखने, लेकिन चमत्कार देखने की जिद में डॉक्टर को संतोष सिंह भदौरिया के कनपुरिया गुंडों का सामना करना पड़ गया।
वैदिक पद्धति से इलाज करने का दावा
संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा वैदिक पद्धति से इलाज करने का दावा करते हैं। गुरुवार को जब अमर उजाला की टीम आश्रम पहुंची, तो वहां सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। बाहर बने हॉल में लगभग एक हजार लोग दिखाई दिए, जो हवन करने के बाद अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
चंद कदम की दूरी पर आश्रम का मेन गेट है। इसके अंदर बाबा संतोष सिंह भदौरिया का केबिन बना है। इस केबिन में कुछ खास लोगों का ही आना जाना है। बाहर पूरा वायर रिकॉर्डिंग सिस्टम लगा हुआ है। बाबा केबिन के अंदर से ही लोगों की परेशानी सुनते हैं और उनका तुरंत समाधान करते दिखाई दिए।
विदेशी लोग भी रखते हैं आस्था
आस्ट्रेलिया, नेपाल और गुजरात से आए दंपती ने भी बाबा के प्रति आस्था व्यक्त की। आए हुए लोगों का दावा था कि उनको वैदिक पद्धति के इलाज से आराम मिला है। बताया जा रहा है कि बाबा के आश्रम में हर रोज तीन से चार हजार भक्तों की भीड़ पहुंचती है।
आईपीएस के संपर्क में आने के बाद शुरू किया जमीन का खेल
दरअसल, संतोष भदौरिया पहले किसान यूनियन में था। इस दौरान किसान यूनियन के नेता संतोष की मुलाकात शहर के एक आईपीएस अधिकारी से हुई थी। संपर्क में आने के बाद बाबा विवादित जमीनों को कब्जाने और बेचने के काम में जुट गया। कुछ साल बाद उक्त आईपीएस विभाग के बड़े अधिकारी हो गए थे। इसी क्रम में उसने करौली गांव निवासी एक भदौरिया परिवार की जमीन सस्ते में खरीद ली। 
करीबी की हत्या और बैंक फ्रॉड में आ चुका है नाम
संतोष भदौरिया का अपराध से पुराना नाता रहा है। वर्ष 1992 से उसके खिलाफ एक के बाद एक हत्या, हत्या का प्रयास, गाली गलौज, मारपीट, धमकी, एनएसए, धोखाधड़ी, बैंक फ्रॉड तक के मामले दर्ज हुए। साल 1992 में फजलगंज थाना इलाके में शास्त्रीनगर के रहने वाले अयोध्या प्रसाद की गोली मारकर हत्या की गई थी। 
हत्या के इस मामले में संतोष को जेल भेज दिया गया था। हालांकि मार्च महीने में 1993 में संतोष को जमानत मिल गई थी। समय के साथ धीरे-धीरे सभी मामले दबते गए। इसके बाद संतोष भदौरिया ने करौली बाबा का चोला ओढ़ लिया। लवकुश आश्रम के नाम से तंत्र मंत्र का व्यापार शुरू कर दिया।

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