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एआई से 40 फीसदी नौकरियों पर मंडराया खतरा, जॉब होंगी खत्म

नई दिल्ली । आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस या‎निकी एआई तकनीक और एआई टूल्स अब लोगों की नौ‎क‎रियां खत्म करने वाली है। इसके आने से जहां लोगों का काम बहुत आसान हुआ है तो वहीं कई नौकरियों के लिए यह टेक्नोलॉजी खतरा बनकर उभरी है। एआई तकनीक को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का एक विश्लेषण दुनिया के करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को परेशान कर सकता है। एक मी‎डिया रिपोर्ट के अनुसार आईएमएफ के एनालिसिस में कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और एआई टूल के चलते दुनियाभर में लगभग 40 प्र‎तिशत नौकरियां प्रभावित होंगी। इससे इमर्जिंग मार्केट और कम आय वाले देशों की तुलना में उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों को ज्यादा जोखिम का सामना करना पड़ेगा। आईएमएफ के प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने इस स्टडी पर एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ज्यादातर मामलों में, एआई तकनीक से परेशानियां बढ़ेंगी। ऐसे हालात से बचने के लिए सरकारों को सक्रिय रूप से काम करने की जरूरत है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक के चलते जॉब सेक्टर में आय से जुड़ी असमानता बढ़ेगी लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि यह टेक्नोलॉजी ज्यादा तनख्वाह पाने वाले कितने लोगों का विकल्प बनती है।

हालां‎कि जॉर्जीवा ने कहा कि उच्च आय वाले श्रमिकों और कंपनियों की अधिक उत्पादकता से पूंजीगत रिटर्न को बढ़ावा मिलेगा, जिससे धन का अंतर बढ़ेगा। उन्होंने कहा ‎कि देशों को कमजोर श्रमिकों के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा तंत्र और पुनः प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना चाहिए। हालांकि एआई के लिए कुछ नौकरियों को पूरी तरह से बदलने की संभावना है, लेकिन अधिक संभावना यह है कि यह मानव कार्य का पूरक होगा। इस तकनीक से उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों में लगभग 60 फीसदी नौकरियाँ प्रभावित हो सकती हैं। एआई पर जॉर्जीवा का यह विचार स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में ग्लोबल ट्रेड और लीडर्स के लिए चर्चा का मुख्य विषय बन गया है।

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