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बिना पदोन्नति लाभ के 8 साल में सेवानिवृत हो गए 97 हजार कर्मचारी
दोहरे मापदंड क्यों अपना रही है सरकार जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो।
कर्मचारियों को पदोन्नति न मिलने से हुआ लाखों का नुकसान
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार पदोन्नति प्रक्रिया लागू करने में दोहरे मापदंड क्यों अपना रही है जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो सरकार द्वारा अधिकारियों को लगातार पदोन्नति दी जा रही है वहीं कर्मचारियों की पदोन्नति पर 8 साल से रोक लगा दी मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर मांग करी है कि पदोन्नति प्रक्रिया लागू करने में समानता का नियम लागू किया जाए तथा कर्मचारियों को भी पदोन्नति का लाभ दिया जाए।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2016 से तृतीय श्रेणी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदोन्नति प्रक्रिया का लाभ देने पर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करके रोक लगा दी है वही प्रदेश में अधिकारी वर्गों को लगातार पदोन्नति का लाभ दिया जा रहा है जब पदोन्नति प्रक्रिया का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है तो सरकार को पदोन्नति प्रक्रिया लागू करने में सामानता का नियम लागू करना चाहिए और अधिकारियों की पदोन्नति पर भी रोक लगाना चाहिए राज्य सरकार की पदोन्नति प्रक्रिया पर वर्ष 2016 से रोक लगाने के कारण 8 साल में 97 हजार तृतीय श्रेणी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बिना पदोन्नति के लाभ के ही सेवानिवृत हो चुके हैं कर्मचारियों को पदोन्नति न मिलने के कारण करोड रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है वही पदनाम के नुकसान के साथ-साथ पेंशन में भी आर्थिक हानि हुई है उच्च न्यायालय जबलपुर ने वर्ष 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के वर्ष 2002 में जारी किए गए पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने केआदेश को निरस्त करते हुए आदेश पारित किया था कि पदोन्नति प्रक्रिया से आरक्षण समाप्त किया जाए तथा वर्ष 2002 के पूर्व के पदोन्नति नियम लागू किए जाएं लेकिन राज सरकार ने उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में वर्ष 2016 में अपील दायर कर दी पिछले 8 वर्ष से सर्वोच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन है लेकिन सरकार पदोन्नति प्रक्रिया को लागू करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई अपील को वापस नहीं ले रही है जिस कारण प्रदेश की 7:50 लाख कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा है पदोन्नति का लाभ न मिलने के कारण प्रदेश के कर्मचारियों में भयंकर असंतोष व्याप्त है यदि सरकार ने 1 माह के अंदर सर्वोच्च न्यायालय से दायर की गई अपील को वापस लेकर प्रदेश में पुनः पदोन्नति प्रक्रिया लागू नहीं की तो मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच पदोन्नति के लाभ से वंचित कर्मचारियों के साथ सर्वोच्च न्यायालय में विशेष याचिका दायर करके राज सरकार द्वारा जबलपुर उच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध दायर की गई अपील को खारिज करने की मांग करेगा।