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आईआईएफएम में एडमिशन प्रक्रिया शुरू, 28 फरवरी तक पंजीयन

जैट के अलावा पहली बार मैट और सीमैट से भी होंगे दाखिले
भोपाल। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (आईआईएफएम) ने एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम इन फॉरेस्ट्री मैनेजमेंट (पीजीडीएफएम) और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन सस्टनेबिलिटी मैनेजमेंट (पीजीडीएसएम) में एडमिशन के लिए 28 फरवरी तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होंगे।
वहीं आईआईएफएम इन दोनों कोर्सेस में कैट-2022 (कॉमन एडमिशन टेस्ट) और जैट-2023 (जेवियर एप्टीट्यूड टेस्ट) के अलावा मैट-2022 (मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट) और सीमैट-2022 (कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट) के आधार पर भी पहली बार स्टूडेंट्स को एडमिशन इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा, यानी मैट और सीमैट देने वाले स्टूडेंट्स यहां एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इन एंट्रेंस के स्कोर के आधार पर शॉर्टलिस्ट स्टूडेंट्स को इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसके बाद एडमिशन मिलेगा।
 आईआईएफएम इन कोर्स में एडमिशन के लिए पहली बार अपना खुद का एप्टीट्यूड टेस्ट आयोजित कराने पर भी विचार कर रहा है। इसके लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) को भी प्रस्ताव भेज दिया है। एआईसीटीई से मंजूरी मिलते ही इसका आयोजन जनवरी-फरवरी में कराया जाएगा। दरअसल, यह एक सेक्टोरियल इंस्टीट्यूट है, जाेकि फाॅरेस्ट, एनवायरनमेंट, नेचुरल रिसाेर्स सहित अन्य एलाइड एरिया के साथ मैनेजमेंट में पेशेवर ह्यूमन रिसोर्स तैयार करता है।
पीजीडीएफएम में 150 सीट हैं। इस प्रोग्राम को शुरू हुए 36 साल हो चुके हैं। पीजीडीएसएम में 75 सीट हैं। यह प्रोग्राम 2019 में लॉन्च किया था। दोनों कोर्सेस में 100% प्लेसमेंट हैं। वर्ष 2020-22 बैच में 38 लाख रुपए सालाना हाईएस्ट पैकेज पर स्टूडेंट का रिक्रूटमेंट हुआ है। वहीं पीजीडीएसएम में 14 लाख रुपए हाईएस्ट सालाना पैकेज रहा है। आईआईएफएम के बैच 2020-22 के प्लेसमेंट स्टैटिक्स को देखें तो स्टूडेंट्स बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस और इंश्योरेंस सेक्टर में 49 स्टूडेंट्स का रिक्रूटमेंट हुआ है।
पीजीडीएफएम अनूठा कार्यक्रम है, जो प्राकृतिक संसाधनों के स्थाई प्रबंधन के लिए पेशेवरों को तैयार करता है। यह मैनेजमेंट कॉन्सेप्ट, थ्योरिटिकल फ्रेमवर्क और कंजर्वेशन के नेचुरल रिसोर्स, इकोलॉजिकल बैलेंस व डेवलपमेंट का 2 वर्षीय प्रोग्राम है। इसी तरह पीजीडीएसएम के माध्यम से मैनेेजीरियल, टेक्निकल, एनालिटिकल और सोशल स्किल के साथ ऐसे पेशेवर तैयार करना है, जो इमर्जिंग एरिया के मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के काबिल हो।   

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