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वयस्क बीसीजी वैक्सीनेशन का हुआ शुभारंभ

 सभी पात्र नागरिक लगवाएं सुरक्षा टीका-नरेंद्र शिवाजी पटेल

 
भोपाल।  वयस्क बीसीजी टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ 7 मार्च को माननीय राज्य मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल द्वारा किया गया। अभियान में 18 साल से अधिक उम्र के 6 श्रेणियों के नागरिकों को बी सी जी का टीका निशुल्क लगाया जा रहा है।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर मध्यप्रदेश वर्ष 2025 के पहले ही टीबी उन्मूलन हेतु कृत संकल्पित है । इसके लिए मध्यप्रदेश के 26 जिलों में चिह्नित श्रेणी के नागरिकों हेतु बीसीजी वैक्सीनेशन की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को टीबी मुक्त बनाने में मध्यप्रदेश अग्रणी भूमिका निभाएगा। मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग का अमला प्रो-ऐक्टिव एप्रोच में टीबी उन्मूलन के लिए कार्य कर रहा है। आमजन की जागरूकता और सहयोग से प्रदेश और देश को शीघ्र ही टीबी मुक्त बनाने में हम सफल होंगे। टी बी उन्मूलन की लड़ाई में बीसीजी वैक्सीन एक कारगर हथियार है। सभी पात्र नागरिक यह टीका अवश्य लगवाएं। 
      राज्य मंत्री ने कहा कि शासन द्वारा टीबी मरीज़ों के चिन्हांकन के साथ उन्हें निःशुल्क दवाओं का वितरण और पोषण आहार की व्यवस्था की जा रही है। यह प्रसन्नता का विषय है कि इस अभियान में स्वयंसेवी संगठन और नागरिकों का भी सहयोग प्राप्त हो रहा है। कार्यक्रम में बीसीजी टीकाकरण जागरूकता हेतु बैलून का स्काई ऑफ, बीसीजी पोस्टर का विमोचन, ईवीएम रिपोर्ट का विमोचन, 5 श्रेष्ठ स्वास्थ्य कर्मियों को प्रमाण पत्र वितरण , विजेश लुनावत फाउंडेशन द्वारा 5 फूड बास्केट का वितरण ,बीसीजी टीकाकृत व्यक्तियों को प्रमाण पत्र एवं क्षय अनुसंधान एवं प्रयोगशाला प्रशिक्षण उत्कृष्टता केंद्र का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर टी बी चैंपियंस द्वारा अनुभव भी साझा किए गए। कार्यक्रम में वैक्सीन के रखरखाव एवं कोल्ड चैन पॉइंट की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए कोल्ड चैन पॉइंट एसेसमेंट रिपोर्ट जारी की गई। मध्यप्रदेश द्वारा कोल्ड चैन पॉइंट्स के रखरखाव में उल्लेखनीय कार्य किया गया है। 
 23 साल की अंजली ने लगवाया पहला टीका
कार्यक्रम में बीसीजी का पहला टीका लाल घाटी निवासी कु.अंजली ने लगवाया। अंजली को साल 2020 में टीबी का पता चला था। इन्हें लिंफ नोड्स में टीबी पाई गई थी। एक साल के निरंतर उपचार के बाद आज वे पूरी तरह से स्वस्थ है। अंजली के साथ उनके संपर्क में रहने के कारण परिजनों ने भी टीबी से बचाव के लिए उत्साहपूर्वक टीका लगवाया।
 100 से अधिक सालों से विश्वसनीय और कारगर टीका है बी सी जी
यह वैक्सीन 1921 के उपयोग में लाई जा रही है । आज लगभग 100 साल बाद ,ये वैक्सीन 180 से अधिक देशों में लगाई जा रही है । बीसीजी का टीका पूरी तरह सुरक्षित है। यह वैक्सीन बच्चों को टीबी के गंभीर रूपों से बचाती है। वयस्कों में बीसीजी टीके की अतिरिक्त डोज उनकी रोक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर अगले 10 से 15 साल तक इस बीमारी से बचाव कर सकती है। 
बच्चों में यह वैक्सीन नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत पहले से ही लगाई जा रही है। मॉडल स्टडीज के अनुसार टीबी वैक्सीनेशन से हर साल टीबी के प्रकरणों को 17% तक कम किया जा सकता है।
 छः विभिन्न श्रेणी के लोगों को लगेगा टीका
 वयस्क टीबी वैक्सीनेशन के लिए 6 विभिन्न श्रेणी के हितग्राहियों को सम्मिलित किया गया है। जिसमें ऐसे लोग शामिल किए गए हैं, जिन्हें पिछले 5 सालों में टीबी रही हो, ऐसे रोगी परिजन जो टीबी रोगी के संपर्क में रहे हो , 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, धूम्रपान करने वाला व्यक्ति , मधुमेह के मरीज, 18 से कम बीएमआई या कुपोषित व्यक्ति शामिल किए गए हैं। टीका लगवाने वालों को कोविन की तर्ज पर टीबी विन पोर्टल से टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी होंगे।
 प्रदेश के 26 ज़िलों में किया जायेगा टीकाकरण
मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सुश्री प्रियंका दास ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश को टीबी मुक़्त करने हेतु सतत प्रयास किये जा रहे हैं। लगातार टीबी रोगियों की खोज कर उनके समुचित उपचार की व्यवस्था की जा रही है। आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार टीबी को जड़ से ख़त्म करने के लिए वयस्क बीसीजी टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में प्रदेश के 26 ज़िलों में वयस्क बीसीजी टीकाकरण किया जा रहा है। 
 अब तक प्रदेश में 40 लाख व्यक्तियों का टीकाकरण हेतु पंजीयन
वयस्क बीसीजी टीकाकरण हेतु हितग्राहियों का पंजीयन टीबी विन पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। अब तक 40 लाख व्यक्तियों का टीकाकरण हेतु पंजीयन किया जा चुका है। 
 टीबी के नए मामलों और मृत्युदर को रोकने में टीका कारगर
दुनियाभर में संक्रमण रोगों से होने वाली मौतों में टीबी सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदार है। टीबी के बोझ को कम करने के प्रभावी उपायों में से टीका एक ऐसा उपाय है जिससे टीबी के नए मामलों और मृत्युदर को रोका जा सकता है।
 गंभीर संक्रामक बीमारी है टी बी
टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो की ट्यूबरक्लोसिस माइक्रोबैक्टेरियम के कारण होता है । यह बैक्टीरिया ड्रॉपलेट इनफेक्शन के माध्यम से फैलते हैं। फेफड़ों के अलावा पूरे शरीर पर भी इसका असर देखने को मिलता है । दो सप्ताह की खांसी, दो सप्ताह का बुखार वजन में कमी होना, बच्चों के वजन में बढ़ोतरी न , सीने के एक्सरे में असामान्यता होना, कफ के साथ खून आना, लिंफ ग्लैंड जैसे लक्षण दिखने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना आवश्यक है । 
 टीकाकरण सत्रों में सोमवार और गुरुवार को लगाई जाएगी वैक्सीन
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों और मैदानी स्वास्थ्य संस्थाओं में यह वैक्सीन सोमवार और गुरुवार को लगाई जायेगी। इसके अलावा चिह्नित शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिदिन टीके लगेंगे। भोपाल को लगभग 2 लाख 80 हजार डोज मिले हैं। आवश्यक होने पर शासन द्वारा अतिरिक्त डोज प्रदान की जाएगी। यह दर्द रहित टीका दाईं बाह में इंट्राडर्मल लगाया जाएगा।
कार्यक्रम में राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला, राज्य क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ वर्षा राय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी, आरोग्य भारती से डॉ. अभिजीत देशमुख, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पूर्व संचालक डॉ पंकज शुक्ला, डॉ बी एस ओहरी, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ रितेश रावत, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी , यूनिसेफ, यूएनडीपी के पदाधिकारी, इंडियन रेडियोलॉजिकल एसोसिएशन से डॉ शैलेश लूणावत सहित राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी एवं गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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