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एडवांटेज विदर्भ ने “खासदार इंडस्ट्रियल महोत्सव-नागपुर” के पहले संस्करण का सफलतापूर्वक समापन किया

नागपुर । द एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (एआईडी) ने नागपुर में “खासदार इंडस्ट्रियल महोत्सव-एडवांटेज विदर्भ” के पहले संस्करण का समापन किया। केंद्रीय खाद्य परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री श्री नारायण राणे, महाराष्ट्र सरकार के वन मंत्री श्री सुधीर मुनगंटीवार, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन मंत्री श्री गिरीश महाजन भी उपस्थित थे। केंद्र और राज्यों की कई दिग्गज सियासी हस्तियों के साथ बड़े-बड़े बिजनेसमैन भी कार्यक्रम में शरीक हुए। 

“खासदार इंडस्ट्रियल महोत्सव-एडवांटेज विदर्भ” एक तीन दिवसीय प्रदर्शनी थी, जिसका आयोजन नागपुर में 27 जनवरी से 29 जनवरी तक किया गया। यह कार्यक्रम विदर्भ और महाराष्ट्र क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित था। प्रदर्शनी से विदर्भ की औद्योगिक इकाइयों को अपनी कारोबारी क्षमता के प्रदर्शन, विस्तार और साझीदारी के अवसर जुटाने के लिए एकीकृत रूप से मंच मिला। 250 से ज्यादा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शनी में अपने प्रॉडक्ट्स का प्रदर्शन किया। इसमें से 90 फीसदी प्रतिनिधियों ने विदर्भ इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व किया।
“पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों द्वारा कार्बन उत्सर्जन और उससे होने वाले प्रदूषण का मुद्दा आज एक बड़ी चिंता बन गया है। इस समस्या से निपटने के लिए इथेनॉल, मेथनॉल और अन्य वैकल्पिक ईंधनों का उपयोग किया जा सकता है, जो कार्बन उत्सर्जन और तेल आयात पर निर्भरता दोनों को कम करते हैं। केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने एडवांटेज विदर्भ एक्सपो के दौरान कहा कि ‘यह समय कोयला गैसीकरण को प्राथमिकता देने और रॉयल्टी पर पुनर्विचार करने का है। इसके अलावा, अगर खानों के पास बिजली का उत्पादन किया जाता है, तो यह न केवल परिवहन लागत को बचाएगा बल्कि ऊर्जा उत्पादन की क्षमता को भी बढ़ाएगा।”
      
इस अवसर पर एसोसिएशन फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के प्रेसिडेंट श्री आशीष हर्ष राज काले ने कहा, “वरिष्ठ सरकारी प्रतिनिधियों के साथ दिग्गज कारोबारी हस्तियों की मेजबानी करना एआईडी में हम सभी के लिए खुशी की बात थी। मैं एसोसिएशन की ओर से क्षेत्र के लिए खास विजन होने पर सभी का आभार व्यक्त करता हूं। इस क्षेत्र में राष्ट्र के विकास में लगातार और मजबूत योगदान देने की अदभुत क्षमता है।’’ 
इस तीन दिन की प्रदर्शनी में क्षेत्र की दिग्गज हस्तियों की मौजदूगी में कई पैनलों में विचार-विमर्श किया गया। जिस तरह भारत जैसे विकासशील देश को आगे बढ़ाने में स्टार्टअप्स ने अपना अविश्वसनीय योगदान दिया है उसे देखते हुए हम इस क्षेत्र से कई बड़े स्टार्टअप्स को उभरते देख काफी खुश हैं। इंडस्ट्री की ओर से स्टार्टअप्स को जिस तरह का समर्थन और संरक्षण दिया जा रहा है, वह इस सफर में मील का पत्थर होगा।    
हमारे माननीय केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी राष्ट्र के विकास अभियान में पथप्रदर्शक रहे हैं। उनके ही विजन और प्रेरणा से यह उल्लेखनीय प्रदर्शनी एक वास्तविकता बन पाई है। इस प्रदर्शनी में 250 से ज्यादा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो इस क्षेत्र के 43 अलग-अलग व्यावसायिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।’’ 
उन्होंने आगे कहा, “यह तो अभी शुरुआत है। अभी हमें एक लंबा रास्ता तय करना है। इंडस्ट्री के रूप में हम अपने नेतृत्व के विजन के लिए समर्पित है।’’ 
महाराष्ट्र में विदर्भ अपनी समृद्ध जैव विविधता और संसाधनों के लिए मशहूर है। यह औद्योगिक और पर्यटन में निवेश के बहुत बड़े केंद्र के रूप में उभर रहा है। विदर्भ में नागपुर और गढ़चिरौली समेत 11 जिले आते हैं। यह क्षेत्र शानदार आधारभूत ढांचे और खनिजों में बड़ा योगदान करने का दावा करता है। “एडवांटेज विदर्भ-खासदार इंडस्ट्रियल महोत्सव” इस दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है। इस प्रदर्शनी में क्षेत्रीय स्टार्टअप्स को प्रारंभिक काल में वित्त मुहैया कराने वाले एंजेल निवेशकों के साथ 25 से ज्यादा समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। हल्दीराम और नुवाल्स, जैसे प्रमुख निवेशकों ने स्टार्टअप्स को न केवल वित्तीय सहायता, बल्कि संरक्षण भी देने का वादा किया। यह पहल काफी महत्वपूर्ण थी। इस पहल ने भारत में 20 फीसदी स्टार्टअप्स और 1 बिलियन डॉलर से अधिक के निजी स्वामित्व वाले 25 फीसदी यूनिकार्न को आगे बढ़ने में योगदान दिया। इससे मेट्रो शहरों में स्टार्टअप्स के क्षेत्र में उछाल देखा जा रहा है। दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में भी स्टार्टअप्स काफी तेजी से पनप रहे हैं। एडवांटेज विदर्भ युवा प्रतिभाओं को निखारने और स्टार्टअप्स के विकास में अपनी प्रमुख भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है।  
इस तीन दिन की प्रदर्शनी में कई सेशन में तरह-तरह के पैनलों में विचार–विमर्श किया गया। इन सेशन और पैनल में हुई चर्चाओं में शिक्षा, रक्षा, उड्डयन, स्टार्टअप्स, सूक्ष्‍म, लघु और मध्यम उद्यम, बांस उद्योग, फार्मास्य़ुटिकल्स, रियल एस्टेट, स्टील और पीईबी, वित्त, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग, खनन उपकरणों, कोयले का गैसीयकरण, मत्स्य, आयुर्वेद, डेयरी समेत कई क्षेत्रों को कवर किया गया। इस प्रदर्शनी में केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री, अलग-अलग क्षेत्रों के कारोबारी दिग्गज, मशहूर शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ और विचारकों ने मच पर एकजुट होकर इस क्षेत्र में उभरने वाली संभावित चुनौतियों और उनके समाधान पर विचार विमर्श किया, ताकि वह कारोबारी क्षेत्र के फलने-फूलने के लिए एक बेहतरीन इकोसिस्टम बना सके और क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित कर सके।  
इस प्रदर्शनी के उद्घाटन के दिन क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाओं की खोज, कुशल मैनपावर की उपलब्धता, भौगोलिक लाभ और इस पहल को बढ़ावा देने के प्रयासों और लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाने पर चर्चाएं केंद्रित रही। इसके अतिरिक्त निवेशकों को विदर्भ के क्षेत्र में निवेश के लिए आकर्षित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। प्रदर्शनी के पहले दिन क्षेत्र के स्टार्टअप इकोसिस्टम, शिक्षा, उड्डयन, रक्षा, रत्‍न और आभूषण और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे विषयों पर अलग-अलग पैनलों में चर्चा हुई और प्रमुख वक्ताओं ने इन विषयों पर भाषण दिए। पहले दिन का समापन विदर्भ में स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता मुहैया कराने वाले निवेशकों के साथ 25 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के साथ हुआ। 
इस प्रदर्शनी के दूसरे दिन का समापन कई विषयों पर विस्तृत और गहन चर्चाओं के साथ हुआ। इसमें बांस उद्योग को बढ़ावा देने, सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों की असीम संभावनाओं और कारोबारी अवसरों के सृजन, स्टार्टअप्स, फार्मास्युटिकल्स, आईटी और आईटीईएस, रियल एस्टेट और स्टील एंड पीईबी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सेशन और पैनलों में होने वाली चर्चा शामिल थी। इन चर्चाओं में कोयले को गैस में बदलने के महत्व, कार्बन उत्सर्जन में कटौती के प्रयासों और ईंधन के वैकल्पिक स्रोतों को अपनाने पर खास ध्यान दिया गया। 
इस प्रदर्शनी के अंतिम दिन मछली पालन, मत्स्य उद्योग, डेयरी फार्मिंग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र की क्षमता का उपयोग करने पर प्रभावी सेशन और पैनल में चर्चाएं हुई। इन चर्चाओं में रोजगार सृजन के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देने और खनन उपकरण, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग, आईटी और आईटीईएस और फाइनेंस जैसे कई विषयों पर नए-नए विचार सामने आए। इस कार्यक्रम के समापन में कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया गया, जिसमें विदर्भ के कारोबारियों की सफलता की कहानियों का वर्णन किया गया है। यह किताब क्षेत्र के आर्थिक विकास में इन दिग्गज हस्तियों के महत्वपूर्ण योगदान को उभारती है।

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