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नकल शाखा के बाद पेंशन कार्यालय में भी रिश्वत के मिले प्रमाण

कलेक्टर ने संभागायुक्त को सख्त कार्रवाई अनुशंसा के लिए भेजा प्रकरण::

इन्दौर । विगत दिनों कलेक्ट्रेट की नकल शाखा की महिला क्लर्क द्वारा सौ दौ सौ सेवा शुल्क के नाम पर खुलेआम रिश्वत लेने के वायरल विडियो के बाद तकरीबन सभी सरकारी विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। उच्चाधिकारी प्रशासनिक कसावट के साथ हरकत में आ गए हैं। कलेक्टर इन्दौर ने तो उस महिला क्लर्क को निलंबित करने के बाद कलेक्ट्रेट के समस्त विभागों की सर्जरी करते लम्बे समय से एक ही सीट पर जमे तृतीय श्रेणी कर्मचारी को इधर उधर कर दिया। कलेक्ट्रेट की नकल शाखा के रिश्वत कांड के बाद अब पेंशन शाखा में रिटायर शासकीय कर्मचारियों से रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की जांच के बाद कार्यालय में पेंशन के लिए कर्मचारियों से सेवा शुल्क मांगा जाता था , इसके भी प्रमाण मिले । जिस पर कलेक्टर आशीष सिंह ने सख्त कार्यवाही करते हुए संयुक्त निर्देशक पेंशन और पांच सहायक पेंशन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए संभागायुक्त के समक्ष लापरवाह कर्मचारियों को निलम्बित करने सहित विभागीय जांच करने अनुशंसा हेतु प्रकरण भेजा है । एडीएम गौरव बैनल के अनुसार पेंशन कार्यालय स्टाफ द्वारा पेंशनधारियों को परेशान करने की शिकायत लगातार मिल थी जिस पर औचक निरीक्षण के दौरान अधिकारियों से लम्बित प्रकरणों की जानकारी मांगी गई थी कई प्रकरण ऐसे मिले थे , जिसको बगैर किसी कारण के रोका गया था । इस मामले में जब पेंशन अधिकारियों से बात की गई तो वे प्रकरण रोकने का तर्कसंगत कारण नहीं बता सके । इसकी पूरी जांच रिपोर्ट कलेक्टर सिंह के समक्ष रखी गई जिससे बाद उन्होंने संभागायुक्त के समक्ष लापरवाह कर्मचारियों को निलम्बित करने सहित विभागीय जांच करने अनुशंसा करते हुए प्रकरण भेजा है ।
एडीएम बैनल का यह भी कहना है कि कार्यालय में पेंशन के लिए कर्मचारियों से सेवा शुल्क मांगा जाता था , इसके भी प्रमाण मिले हैं । प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की मांग की गई ।
यदि इस मामले में भी सख्ती से कार्रवाई की जाती है तो सरकार के समस्त विभागों में सेवा शुल्क के रूप में रिश्वत माने के खुलासे होने लगेंगे हालांकि कलेक्टर सिंह कलेक्टर के तहसील कार्यालय में भी जल्द कार्रवाई कर सकतें हैं।

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