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अयोध्या पहुंचकर ऐसा लगा मानो भगवान से हुआ सीधा साक्षात्कार

टीकमगढ़ । भगवान श्रीराम की प्रतिमा देखकर उनकी नगरी अयोध्या में मुझे ऐसा महसूस हुआ मानो भगवान श्री हरि साक्षात मेरे सामने ही हों और मुझसे रूबरू होते हुए भगवान साक्षात्कार कर रहे हों। उत्क उद‍गार विजय राघव पीठाधिश्वर संत स्वामी चौकी वाले बाबा एवं प्रदेश सह संयोजक विश्व हिन्दू परिषद व शांति समिति धर्मगुरू टीकमगढ़ ने अयोध्या से लौटकर मीडिया के सामने व्यक्त किए हैं।

22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्रीराम चन्द्र प्रभू की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने को आए अनादिक निमंत्रण कार्यक्रम में शामिल होकर वापिस लौटे संत स्वामी चौकी वाले बाबा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि वह चार पहिया वाहनों के काफिले के साथ 18 जनवरी को यहां से रवाना हुए थे जिसमें डीएमडी कमेटी के सदस्यों के अलावा राम भक्तों की टोली शामिल थी। उन्होंने बताया कि टीकमगढ़ से निकलते ही उनका काफिला ग्राम धजरई के भगवान हनुमान जी मंदिर स्थल पहुंचा जहां भक्तगणों के अलावा सभ वर्गों के लोग शामिल थे जिसमें नपाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार पप्पू मलिक, पुष्पेन्द्र सिंह सहित मुन्नालाल मिश्रा जैसे तमाम लोगों ने महाराज जी का जोरदार स्वागत किया। इसके बाद संत स्वामी का काफिला छतरपुर पहुंचा जहां लोकनाथ पुरम‍ में स्थानीय लोगों द्वारा महाराज जी की आरती उतार कर उनका सम्मान किया गया। इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान संत श्री चौकी वाले बाबा जी िचत्रकूट धाम पहुंचे जहां उन्होंने हनुमान धारा के पास आश्रम में विश्राम किया। स्थानीय भक्तों को जैसे ही चौकी बाबा जी के आगमन की जानकारी लगी तो उन्होंने आकर उनका स्वागत एवं सम्मान किया। इसी यात्रा के तहत संत स्वामी तीर्थधाम अयोध्या नगरी के छोटी छावनी पहुंचे जहां मदन मोहन महाराज द्वारा चौकी वाले बाबा जी का आत्मीय स्वागत किया गया। इसके बाद चौकी वाले बाबा ने डीएमडी कमेटी के सदस्याें एवं रामभक्तों के साथ पावन सरयू नदी में स्नान कर नौकायन किया।
उन्होंने बताया कि इस दौरान 22 जनवरी को अयोध्या में आयोजित भगवान श्री रामचन्द्र जी की प्राण प्रतिष्ठा के विशाल कार्यक्रम में संत पंडोखर सरकार, ऋतम्भरा महाराज, कालीचरण महाराज जी, सीताराम रामदास जी महाराज के अलावा प्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा की मुलाकाल बड़ी ही सराहनीय रही है। जिन्होंने इस पावन अवसर पर हुई भेंट के दौरान चौकीवाले बाबा जी का ह्रदय से व आत्मीयता से सम्मान किया। चौकी वाले बाबा जी ने अंत में बताया कि वह 22 जनवरी को रामजन्म भूमि स्थल पहुंचे जहां उन्होंने भगवान श्रीराम की प्रतिमा पर अपनी नजर डाली तो उन्हें तब ऐसा प्रतीत हुआ कि मानों भगवान बाबाजी से आमने-सामने स्वयं साक्षात्कार कर रहे हों। बाबाजी ने अयोध्या पहुंचकर अपने आप को गदगद महसूस किया।
25 वर्षों से लगातार जारी है रामलीला का आयोजन : चौकी वाले बाबा ने बताया कि श्री विजय राघव मंदिर में पिछले 25 वर्षों से निरंतर रामलीला एवं भगवत चरित्रों का आयोजन किया जा रहा है। यह परम्परा जब से प्रारंभ हुई थी तभी से यह अनवतर रूप से जारी है और भक्तों का इसके प्रति खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। इस धार्मिक आयोजन में नगर के धर्म प्रेमी बंधु बढ़चढ़ कर शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि इस रामलीला कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में होता है और यह प्रदेश के अब्बल दर्जे में शामिल है।

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