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राज होकर सीजेआई ने कहा, सुप्रीम कोर्ट हर मामले में दखल नहीं दे सकता

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अर्जी पर सुनवाई कर कहा कि देश में हजारों मामले होते हैं, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन शीर्ष अदालत हर चीज में दखल नहीं दे सकता है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच केरल में बंधक बनाकर रखे गए हाथियों से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। चीफ जस्टिस अर्जी (इंटरवेंशन एप्लीकेशन) देख खासा नाराज भी हो गए।

सीजेआई ने नाराजगी जाहिर कर कहा कि इस तरह की याचिकाएं बेवजह सुप्रीम कोर्ट का बोझ बढ़ाती हैं। हमें उच्चतम न्यायालय की भूमिका को ढंग से समझने की जरूरत है। सीजेआई ने कहा कि यह मामला पूरी तरह स्थानीय है और हाई कोर्ट के जजों को स्थानीय मुद्दों की अच्छी समझ होती है। अगर उच्च न्यायालय से कोई गलती होती है, तब हम इसमें दखल दे सकते हैं। लेकिन इस तरीके से हम देश को कैसे चलाएंगे?
रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाने वाले सीनियर एडवोकेट सीयू सिंह ने जब दलील दी की इस पूरे मामले में नियमों की अनदेखी हुई है, तब सीजेआई ने सवाल किया, आप इस मामले को केरल हाईकोर्ट के सामने क्यों नहीं उठाते हैं? इस पर एडवोकेट ने जवाब दिया कि इस मामले से संबंधित और भी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित हैं। वकील ने बताया कि साल 2018 से 2022 के बीच केरल में 135 हाथियों की मौत हो चुकी है। हालांकि चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ वकील की दलील से सहमत नहीं नजर आए। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में एक से बढ़कर एक विद्वान जज हैं। सुप्रीम कोर्ट हर मामले में दखल नहीं दे सकता है। हम छोटी-छोटी चीजें थोड़ी मैनेज कर सकते हैं और न तो देश चला सकते हैं।

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