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ठेका प्रथा के विरोध में आचार संहिता के बाद बन मजदूर देंगे धरना

भोपाल। वन विभाग में लागू किया जा रहे हैं निजीकरण ठेका प्रथा के विरोध में वन मजदूरों का पोस्टकार्ड आंदोलन आज 13 दिन भी जारी रहा अब तक वन मजदूर वन समिति की चौकीदार दैनिक वेतन भोगी स्थाई कर्मी वन कर्मचारी 15000 पोस्टकार्ड मुख्य सचिव के नाम निजीकरण की विरोध में भेज चुके हैं अब वन मजदूर आचार संहिता समाप्त होने के बाद भोपाल में मंत्रालय के सामने विशाल धरना देंगे और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि अपर मुख्य सचिव वन ने 27 मार्च 2024 को आदेश जारी करके वन विभाग में निजीकरण ठेका प्रथा लागू करने का निर्णय लिया है वन विभाग में ठेका प्रथा लागू करने का निर्णय बिना मंत्री परिषद की स्वीकृति के लिए लिया गया है और ना ही ठेका प्रथा लागू करने लिए कोई नीति बनाई गई है इसके विरोध में वन मजदूर वन समिति की चौकीदार वन ग्राम के सदस्य पिछले दो माह से आंदोलनरत है मजदूर एवं वन समिति की चौकीदारों ने निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया तथा 13 दिन से पोस्टकार्ड आंदोलन चल रहे हैं मुख्य सचिव को पोस्टकार्ड लिखकर 27 मार्च 2024 के आदेश को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं मुख्य सचिव को देवास बागली  सतना और रीवा के वन कर्मचारियों ने अपने खून से पोस्टकार्ड लिखकर मुख्य सचिव को पोस्ट कर चुके है  बन मजदूर वन कर्मचारी वन समिति के चौकीदार दैनिक वेतन भोगी आचार संहिता की समाप्त होने के बाद भोपाल के मंत्रालय के समक्ष विशाल धरना देकर निजीकरण का विरोध करेंगे वन विभाग में निजीकरण लागू होने से पर्यावरण की हानि होगी जंगलों की कटाई होगी वन माफिया सक्रिय हो जाएगा शिकारियों का राज हो जाएगा अभ्यारण राष्ट्रीय उद्यान टाइगर रिजर्व समाप्त हो जाएंगे टाइगर स्टेट का दर्जा, चीता स्टेट का दर्जा छिन जाएगा ठेका प्रथा लागू होने से वन मजदूरों का रोजगार छिन जाएगा बन मजदूर पलायन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
                             

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