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कैंसर मरीजों का एम्स भोपाल ने इम्यूनोथेरेपी से किया सफल इलाज

भोपाल,। राजधानी भोपाल स्थित एम्स ने इम्यूनोथेरेपी की मदद से कैंसर मरीजों का सफल इलाज कर एक नया इतिहास रचने जैसा काम कर दिया है। इम्यूनोथेरेपी से स्टेज फोर वाले कैंसर से ग्रसित मरीजों का सफल इलाज किया गया है। खास बात यह है कि एम्स के रेडियोथेरेपी विभाग के चिकित्सकों ने ऐसे 2 मरीजों में इस प्रक्रिया को अपनाया, जिनमें कीमोथेरेपी से लेकर कैंसर रोधी अन्य दवाओं का असर भी दिखाई नहीं दे रहा था। इस हाल में मरीज में इम्यूनोथेरेपी से इम्यूनिटी बढ़ाने और कैंसर का इलाज करने का काम चिकित्सकों ने शुरू किया था। इसके बाद रिजल्ट के तौर पर सामने आया कि डेढ़ साल के अंदर में शरीर की इम्यूनिटी ने ही शरीर में मौजूद कैंसर सेल को नष्ट करना शुरु कर दिया है। इस प्रयोग से कैंसर मरीजों के जीवन में एक नई आशा की किरण फूटी है।

जानकारी अनुसार 3 साल पहले ऐम्स में इलाज के लिए लाए गए एक 7 साल के बच्चे में स्टेज फोर फेफड़ों के कैंसर की पुष्टि हुई थी। कैंसर पीढ़ित बच्चे की स्थिति इतनी दरयनी थी कि उसके मस्तिष्क व बोन तक कैंसर फैल गया था। इलाज के तौर पर बच्चे के दी गई कीमोथेरेपी से लेकर अन्य दवाओं का कोई लाभ नजर नहीं आ रहा था। इस विकट स्थिति में कैंसर पीढ़ित बच्चे को एक साल के ट्रीटमेंट के बाद इम्यूनोथेरेपी देनी शुरू की गई। इससे बच्चे के शरीर में इम्यूनिटी ग्रोथ होने लगी और उसी ने कैंसर सेल को नष्ट करने का किया। देखते ही देखते बच्चे ने रिकवर किया और कैंसर की पीड़ा से उसे आराम मिला है। इसी प्रकार कैंसर पीढ़ित एक महिला को स्टेज फोर, ग्रासनली कैंसर की पुष्टि हुई थी। उक्त महिला के गर्भाशय के अंदर से बाहर तक कैंसर फैल चुका था। इस स्थिति में पीड़ित महिला को भी कोई इलाज कारगर साबित नहीं हो रहा था, ऐसे में मरीज को इम्यूनोथेरेपी दी गई जो आगे चलकर कारगर साबित हुई है। कैंसर पीढ़ित महिला में इम्यूनिटी ग्रोथ होने के साथ ही अब महिला की स्थिति पहले से बेहतर बताई गई है।
समझें इम्यूनोथोरेपी क्यों कारगर हो रही
आप सोच रहे होंगे कि जहां कैंसर पीढ़ित के इलाज में कीमो और अन्य दवाएं काम करना बंद कर देती हैं वहां इम्यूनोथेरेपी से मरीज कैसे सही होने लग जाता है। दरअसल इम्यूनोथेरेपी में मरीज में इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए दवाएं दी जाती हैं। ये दवाएं फिलहाल विदेश से आयात की जाती हैं। यहां बतलाते चलें कि इम्यूनोथेरेपी विधि उन मरीजों पर कारगर साबित होती है जिनकी इम्यूनिटी पहले से स्ट्रांग होती है। इसके साथ ही इसमें पारंपरिक उपचारों जैसे, कीमोथेरेपी से होने वाले नकारात्मक प्रभावों से बचाव होता है। गौरतलब है कि मानव शरीर में कैंसर कारक और कैंसर को नष्ट करने वाले दोनों सेल मौजूद रहते हैं। इस थेरेपी में कैंसर को नष्ट करने वाले सेल को बढ़ाने का कार्य किया जाता है और अंतत: मरीज को लाभ मिल जाता है। इस संबंध में जानकारी दे रहे रेडियोथेरेपी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजेश पसरीचा ने कहा कि एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह के नेतृत्व में विभाग की टीम इम्यूनिटी थेरेपी जैसी नई विधि का प्रयोग कर रही है। इसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहा है। इस विधि को शुरु करने से पहले कैंसर मरीज की अनेक जांचें की जाती हैं और उसके परिणाम को देखते हुए ही इस थेरेपी को इलाज के तौर पर आगे बढ़ाया जाता है।

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