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बच्चों के स्वास्थ्य की दिशा में एम्स नई शैली अपनाएगाः डॉ. अजय सिंह

Bhopal AIIMS: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भोपाल, समर्पित बाल चिकित्सा आघात एवं आपातकालीन सेवाओं (Paediatric Trauma and Emergency Services) के क्षेत्र में नवाचार करने जा रहा है। एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए बताया कि यह नवाचार देश में पहली बार होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि एम्स द्वारा इस दिशा में बनाई गई SOP पर एक विचार-मंथन सत्र (ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन ) का आयोजन किया जा रहा है। इस विचार मंथन में देश और विदेश के प्रसिद्ध चिकित्सा वैज्ञानिक के अलावा WHO के प्रतिनिधि शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इस चर्चा के बाद एक श्वेत पत्र जारी किया जाना है, जिसे भारत सरकार और राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नवाचार से सीएचसी (कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर), पीएससी (प्राइमर हेल्थ सेंटर) और अन्य अस्पतालों में मरीजों के इलाज में बहुत सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि मरीज के इलाज के लिए गोल्डन टाइम में सही इलाज मिले और समय की बर्बादी न हो, इसको ध्यान में रखकर एम्स प्रदेश के जिला अस्पतालों, पीएचसी और सीएचसी पर चिकित्सकों को प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इससे मरीज के इलाज में समय की बचत होने के साथ-साथ बड़े चिकित्सा संस्थानों पर दबाव घटेगा। 

उन्होंने कहा कि दरअसल भारत में बाल चिकित्सा आघात और आपात्कालीन सेवाओं की स्थिति चौंका देने वाली है। प्रत्येक दिन देश में बच्चों को तमाम खतरनाक स्थितियों से गुजरना पड़ता है, जिसके लिए तत्काल और विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इस तत्काल आवश्यकता को देखते हुए समर्पित बाल चिकित्सा आघात और आपातकालीन सेवाओं की स्थापना की दिशा में एम्स भोपाल कदम उठाने जा रहा है।

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