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धरने के दौरान खनौरी बॉर्डर पर एक और किसान की मौत

एनएच-44 को धीरे-धीरे खोला जा रहा, ‎किसान अभी भी बॉर्डरों पर डटे

चंडीगढ़ । किसान आंदोलन लगातार जारी है। इसी दौरान खनौरी बॉर्डर पर एक और किसान की मौत के समाचार ‎मिले हैं। बताया जा रहा है ‎कि पटियाला जिले के अरनव गांव के रहने वाले किसान करनैल सिंह की मंगलवार सुबह 3 बजे के करीब मौत हो गई। किसान आंदोलन में शामिल करनैल सिंह को सांस लेने में काफी परेशानी थी और उन्हें पटियाला के राजेंद्र हॉस्पिटल में दाखिल करवाया गया था, जहां उनकी मौत हो गई। बता दें ‎कि किसान करनैल सिंह पुत्र निहाल सिंह गांव अरनो निवासी जिला पटियाला खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे थे। यहां ‎किसानों के धरने का सोमवार को 15वां दिन था। अब धीरे-धीरे हाइवे खोला जा रहा है। किसान जहां हरियाणा के बॉर्डरों पर डटे हुए हैं। वहीं, आम लोगों के लिए भी राहत की खबर है। दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे को हरियाणा के दो जिलों में आंशिक तौर पर खोला गया है। वहीं, पंजाब के संगरूर में इंटरनेट बहाल हो गया है। जानकारी के अनुसार, कुंडली-सिंधु बॉर्डर पर नेशनल हाईवे-44 की सर्विस लाइन को दिल्ली पुलिस ने वाहनों के लिए खोला है। नेशनल हाईवे 40 पर कुंडली-सिंधु बॉर्डर पर भारी बैरिकेडिंग की गई थी। अब दिल्ली पुलिस ने नेशनल हाईवे-44 पर सर्विस लैन को भी खोला है। सर्विस लाइन खुलने पर स्थानीय लोगो ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पहले दिल्ली जाने के लिए कई घंटे लग जाते थे, लेकिन राहत ‎मिल गई है।
उधर कुरुक्षेत्र जिले में नेशनल हाईवे-44 पर दिल्ली से अंबाला जाने वाले यात्रियों के लिए राहत की खबर है। यहां जीटी रोड पर एक तरफ का ट्रैफिक यात्रियों के लिए खोला गया। शाहाबाद-मारकंडा में प्रशासन ने बैरिकेड्स लगाए थे, जिन्हें हटाया गया है। यह रास्ता दिल्ली से अंबाला जाने वाले यात्रियों के लिए सुलभ होगा। हालांकि अंबाला से दिल्ली जाने वाले मार्ग पर लगे अवरोध अभी वैसे ही है। अभी रास्ता आधा ही खोला खोला गया है। छोटा मारकंडा पुल से बैरिकेडिंग और पत्थर हटाए गए हैं। जलेबी पुल से होते हुए अब वाहन ‎निकाले जा रहे हैं। अभी किसानों ने फिलहाल, 29 फरवरी तक दिल्ली ना जाने का फैसला किया है। इसके बाद आगे की रणनीति तैयार होगी।

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