Uncategorized

अनुराग जैन या राजौरा हो सकते हैं अगले मुख्य सचिव

सीएस की दौड़ में कई आईएएस अधिकारी शामिल

भोपाल । मप्र में इनदिनों मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही अगले प्रशासनिक मुखिया के नाम को लेकर कयासों का दौर चल रहा है। हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार को जल्द होगा, लेकिन नए मुख्य सचिव की नियुक्ति अगले साल में होनी है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि वैसे तो इस दौड़ में 1988 से लेकर 1990 बैच के अधिकारी शामिल हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है की प्रशासनिक दक्षता को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि अनुराग जैन या फिर 1990 बैच के आईएएस अधिकारी राजेश राजौरा को अगला मुख्यसचिव बनाया जा सकता है।
गौरतलब है कि इकबाल सिंह बैंस के रिटायरमेंट के बाद 1988 बैच की आईएएस वीरा राणा को प्रभार दिया गया है। वे मार्च 2024 में रिटायर होने वाली हैं। ऐसे में प्रदेश के अगले मुख्य सचिव के लिए अभी से अफसरों की दौड़ शुरू हो गई है। इस दौड़ में सबसे आगे 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन का नाम है। वे अभी प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार में सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय में सचिव हैं। जैन केंद्र सरकार के चहेते अफसरों में शामिल हैं। ऐसे में अगर उन्हें केंद्रीय स्तर पर दिल्ली में ही रोका जाता है तो राजेश राजौरा का अगला मुख्यसचिव बनना तय माना जा रहा है।
सीएम से मुलाकात के बाद जैन चर्चा में
गौरतलब है कि अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाने की चर्चा पिछले कई वर्षों से चल रही है। हालांकि उन्हें केंद्र में ही रोक लिया जाता रहा है। अब विगत दिनों दिल्ली में जब से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और अनुराग जैन के बीच मुलाकात हुई है तब से जैन को मुख्य सचिव बनाने का मामला भी जोर पकड़ चुका है। सूत्रों का कहना है कि जैन ने प्रदेश के मुख्य पद सचिव का दायित्व संभालने की हामी भर दी है। यदि सूत्रों की माने तो कुल जमा मुख्य सचिव के पद को लेकर बनी अनिश्चितता की स्थिति संभवत: आगे नहीं रहेगी। उल्लेखनीय है कि जैन को चुनाव के पहले भी मुख्य सचिव पद का प्रस्ताव शिवराज सरकार की ओर से दिया गया था, लेकिन प्रदेश के राजनीतिक हालात और चुनाव को देखते हुए जैन ने उस समय प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया था। अब स्थिति उनके अनुकूल होने से प्रदेश में उनकी वापसी आसान होगी। मप्र में अगर वरिष्ठता के आधार पर देखें तो अजय तिर्की और संजय बंदोपाध्याय का नाम भी मुख्य सचिव की दौड़ में है, लेकिन दोनों ही अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसके अलावा 1988 बैंच के मोहम्मद सुलेमान, 1990 बैंच के जेएन कंसोटिया अथवा 1990 बैंच के ही डॉ. राजेश राजौरा और 1990 बैंच के ही मलय श्रीवास्तव मुख्य सचिव बनने की सूची में हैं। अनुराग जैन की दावेदारी इस लिए भी मजबूत है कि सेवाकाल की दृष्टि से अनुराग जैन अगस्त 2025 तक पद पर रहेंगे। इस नजरिए से यदि उन्हें मुख्य सचिव बनाया जाता है तो उन्हें काम करने का पर्याप्त समय मिलेगा, और इसी दौरान विधानसभा चुनाव संपन्न हो जाएंगे। 1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान रिजल्ट ओरिएंटेड अधिकारी हैं। उन्होंने बिजली, सडक, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों में लंबे समय तक विभिन्न पदों पर काम किया है और कई नवाचार करते हुए परिणाम भी दिए हैं। सेवाकाल की दृष्टि से उनका भी कार्यकाल अनुराग जैन के समान ही हैं। सुलेमान अनुराग जैन के 1 महीने पहले जुलाई 2025 में रिटायर होंगे। लेकिन भाजपा और संघ के नजरिए से वे फ्रेम में फिट नहीं बैठते हैं। इसलिए इनका मुख्य सचिव बनना असंभव सा लग रहा है। ऐसे में माना जा रहा है अनुराग जैन ही प्रदेश के 34 वें मुख्य सचिव होंगे।
राजौरा की संभावना प्रबल
भाजपा सूत्रों का कहना है कि मिशन 2024 को देखते हुए शायद ही केंद्र सरकार अनुराग जैन को मप्र भेजे। ऐसे में प्रदेश में नई सरकार के लिए 1990 बेंच के राजेश राजौरा को मुख्य सचिव के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। वहीं कहा जा रहा है कि मप्र का नया मुख्य सचिव बनाए जाने की संभावनाओं पर मंथन जारी हो गया है। मंत्रालयीन सूत्रों का कहना है कि प्रदेश का अगला मुख्य सचिव वही अधिकारी बन सकता है जो वर्तमान मुख्यमंत्री के सांचे में फिट बैठे। यानी वह अधिकारी कुशल प्रशासक के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तासीर का समझे।

Related Articles