कोई भी गांव वास्तविक रूप से तभी समृद्ध हो सकता है, जब वहां के लोग कानूनी रूप से शिक्षित हों- जस्टिस बलराम मीणा
झाबुआ । यह बात अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि हम अपने गांव के लोगों को कानूनी शिक्षा प्रदान करें, क्योंकि कानूनी ज्ञान से ही लोग अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक हो सकते हैं। कानूनी जागरूकता के बगैर लोग न तो अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकते और न ही अपने कर्तव्यों का पालन ही कर सकते हैं। उक्त विचार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बलराम मीणा द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से जिले के एकमात्र विवाद विहीन ग्राम मेलापाड़ा में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता करते हुए अपने उद्बोधन में व्यक्त किए गए। आयोजित शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी सागर अग्रवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता विश्वास शाह, ग्राम सरपंच, तड़वी, विधिक सेवा दल के सदस्य सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन मौजूद थे। शिविर में अपने विद्वतापूर्ण उद्बोधन में न्यायिक मजिस्ट्रेट बलराम मीणा ने ग्रामीणजनों से कहा कि मेरा मानना है कि कोई भी गांव तब तक वास्तव में समृद्ध नहीं हो सकता जब तक कि वहां के लोग कानूनी रूप से शिक्षित न हों। कानूनी ज्ञान से ही लोग अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक हो सकते हैं। कानूनी जागरूकता के बगैर लोग न तो अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकते और न ही अपने कर्तव्यों का पालन ही कर सकते हैं, इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपने गांव के लोगों को कानूनी शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने ग्राम मेलापाड़ा में विवादहीनता की स्थिति की तारीफ करते हुए कहा कि मैं जानता हूँ कि आपका ग्राम विवाद विहीन है, जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि आप इस उपलब्धि को बनाए रखें। विवाद विहीन समाज के निर्माण के लिए सामुहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल देते हुए जस्टिस मीणा ने कहा कि विवाद विहीन समाज बनाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। हमें कानून और अधिकारों के बारे में जागरूक होना होगा। हमें समझना होगा कि विवादों को आपसी समझौते से सुलझाया जा सकता है। इसलिए हमें अदालत का सहारा तब ही लेना चाहिए जब हमारे पास कोई अन्य विकल्प न बचा हो।