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फर्जी महिला एसडीएम की जमानत याचिका खारिज, रहेंगी जेल में ही, पति और जेठ भी है जेल में बंद

इन्दौर । फर्जी महिला एसडीएम नीलम पाराशर के जमानत आवेदन को न्यायमूर्ति अनिल वर्मा ने फरियादी पक्षों के वकील की दलील से सहमत होकर खारिज कर दिया । नौकरी के नाम पर कई लोगों को ठगने वाली तथा फर्जी महिला एसडीएम बन व्यापारियों को धमकाने वाली महिला नीलम पाराशर ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दायर की थी । जिस पर फरियादी पक्षों की ओर से आपत्ति दर्ज कराते हुए उनके अधिवक्ता ने तर्क रखे थे । जिस पर न्यायमूर्ति अनिल वर्मा ने सहमत होकर जमानत आवेदन को खारिज कर दिया । फरियादी पक्ष की और से एडवोकेट नीरज सिरसिया ने पैरवी की थी। प्रकरण की जानकारी देते एडवोकेट नीरज सिरसिया ने कहा कि फरियादियों की और से जमानत पर आपत्ती दर्ज की गई थी । उन्होंने आपत्ति में कहा कि नीलम पाराशर ने नकली एसडीएम बनकर लोगों के साथ धोखाधडी की उनसे रुपए लेकर सरकारी नौकरी का लालच दे उनको नकली जॉइनिंग लेटर व नकली आई डी कार्ड देकर बहुत लोगो के साथ ठगी की थी जिस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके पकड़े जाने की खबर प्रकाशित और प्रसारित होने के बाद उसके खिलाफ सराफा , हीरानगर , तेजाजी नगर थानों में कई केस दर्ज हुए थे ।

हाईकोर्ट में आरोपी पक्ष की ओर से तर्क रखे गए थे कि उनके खिलाफ फर्जी तरीके से मामला दर्ज हुआ है । जिसके चलते उन्हें जमानत दी जाए , वहीं पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता नीरज सिरसिया ने तर्क रखे की अगर आरोपी को जमानत मिली तो वह मामले में केस को प्रभावित करेंगे । इसी तर्क से सहमत होकर अदालत ने जमानती आवेदन खारिज कर दिया ।
बता दें कि नीलम एक साल से एसडीएम बनकर लोगों को ठग रही थी । उसने महिला बाल विकास विभाग , आंगनवाड़ी , कलेक्टोरेट , नगर निगम अन्य विभागों में नौकरी का झांसा देकर कई लोगों को पैसे लेकर नियुक्ति पत्र भी सौंप दिए थे । सैनिक की वर्दी पहनकर साथ रहने वाले युवक को भी नीलम ने तत्कालीन कलेक्टर के हस्ताक्षर का फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया था । ऐसे कामों में फर्जी एसडीएम नीलम पाराशर का साथ उसके पति अनिरुद्ध पाराशर और जेठ अमित पाराशर भी देते थे । पुलिस इन्हें पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है , लेकिन उसे ठगी में साथ देने वाला एक सेंटर संचालक अभी भी फरार है ।

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