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सॉल्वर को बैठाकर बन गया था कांस्टेबल, 12 साल बाद दर्ज हुई एफआईआर

भोपाल । मिसरोद पुलिस ने एक ऐसे पुलिसकर्मी के खिलाफ चार सौ बीसी सहित अन्य धाराओ में मामला कायम किया है, जिसने साल 2012 में आयोजित आरक्षक भर्ती परीक्षा में लिखित परीक्षा में अपनी जगह सॉल्वर को बैठाकर परीक्षा पास की थी। इसके बाद वह पुलिस विभाग में कई सालो तक नौकरी करता रहा। जब उसकी पोस्टिंग ग्वालियर में हुई तब उसकी शिकायत मिली जिसकी जॉच में फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। मामले को लेकर ग्वालियर में जीरो पर कायमी की गई थी।

थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार साल 2012 में आरकेडीएफ कॉलेज में आरक्षक भर्ती परीक्षा की लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में आरोपी अमित सिंह का भी नामांकन था। इस परीक्षा में अमित सिंह पास हो गया। बाद में उसे आरक्षक के पद पर नियुक्ति मिल गई। अमित को पहली पोस्टिंग सागर में दी गई। सागर में कई सालों नौकरी करने के बाद उसका ट्रासंफर ग्वालियर कर दिया गया। ग्वालियर में पोस्टिंग के दौरान धर्मेन्द्र नामक व्यक्ति ने अमित के बारे में शिकायत करते हुए बताया कि उसने आरक्षक भर्ती परीक्षा में शारीरिक दक्षता की परीक्षा पास करने के बाद भोपाल के आरकेडीएफ कॉलेज में आयोजित लिखित परीक्षा में अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को बैठाया था। उस समय अमित के स्थान पर बैठै सॉल्वर का नाम उजागर नहीं हुआ था। शिकायत मिलने पर विभाग द्वारा इसकी जांच की गई। छानबीन में शिकायत सही पाये जाने पर अमित के खिलाफ ग्वालियर में विश्वविद्यालय थाने में जीरो पर कायमी करने के साथ ही नौकरी पाने के लिये फर्जीवाड़ा करने आरोप लगने पर उसे बर्खास्त कर दिया गया। चूंकि लिखित परीक्षा केन्द्र भोपाल में जिसमें आरोपी ने अपने स्थान पर सॉल्वर को बैठाया था, इसलिए जीरो पर मामला कायम कर आगे की जॉच के लिये केस डायरी भोपाल पुलिस को भेजी गई। केस डायरी मिलने के बाद मिसरोद पुलिस ने अमित सिंह व उसके साथी सॉल्वर के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओ में असल कायमी कर आगे की कार्यवाही शुरु कर दी है।

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