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Bhopal : महंगाई भत्ता वाहन भत्ता एवं गृह भाड़ा भत्ता को लेकर कर्मचारियों ने किया जोरदार प्रदर्शन
12 साल से सिर्फ ₹200 मिल रहे भत्ते के,महीने भर इसमें कैसे चलाएं वाहन, पेट्रोल के दाम डेढ़ गुना हो गए.
7 महीने से नहीं बढा महंगाई भत्ता/महंगाई राहत 42 महीने में 9200 करोड रुपए कर्मचारियों को हो चुका है नुकसान 7 महीने में 1000 करोड़.
2016 से सातवा वेतनमान लागू हुआ भत्ते छठवें वेतनमान के.
8 साल 2 महीने में गृह भाड़ा भत्ता न बढ़ाने पर 2 लाख 34000 से ₹10 लाख 27000 रू का नुकसान चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी अधिकारी को हुआ.
झुग्गी भी नहीं मिलती राज्य कर्मचारीयों को मिल रहे है मकान किराए भत्ते में
2185 से लेकर ₹9594 महीने का गृह भाड़ा भत्ते में हो रहा नुकसान
₹200 रुपए में महीने भर वाहन कैसे चलाएं
केंद्रीय कर्मचारियों को वाहन भत्ते के 2628 रुपए राज्य के कर्मचारी को ₹200 मिल रहे हैं महीने का 2428 का नुकसान
भोपाल । तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में अपने तीन सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री जी के नाम का ज्ञापन सौंपा तिवारी ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों को इस भीषण महंगाई में भी 12 साल से सितंबर 2012 से वाहन भत्ता₹200 व मकान किराया भत्ता 10 7 5 3 प्रतिशत की दर से वर्ष 2024 में भी मिल रहा है जबकि 2016 से सातवां वेतनमान लागू हो गया है सातवां वेतनमान लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वाहन भत्ता 1800 रु व उस पर 46% महंगाई भत्ता मिलाकर 2628 रुपए वाहन भत्ते के रूप में मिल रहे हैं वहीं मध्य प्रदेश के चार महानगर में कार्यरत कर्मचारी को मात्र ₹200 महीना वाहन भत्ते के रूप में मिलते हैं जबकि पेट्रोल के दाम ₹108 लीटर से ज्यादा हैं जहां केंद्र के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार मकान किराया भत्ता 18% मिल रहा है वहीं राज्य के कर्मचारियों को छठवें वेतनमान के बाद 12 साल पहले लागू 10- 7 -5- 3 प्रतिशत के हिसाब से ही मिल रहा है एक ही राज्य में रहने वाले केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों के भत्तों में इतना अंतर है जबकि महंगाई केंद्र एवं राज्य कर्मचारियों सबके लिए समान है राज्य में लागू वाहन एवं मकान किराए भत्ते के रूप में मिलने वाली राशि में महीने भर वाहन चलाना एवं एक अच्छा मकान किराए पर मिलना मुश्किल है। सरकार द्वारा हर महीने 1करोड़ 29 लाख 77 हजार 199 लाड़ली बहनों को 1 हजार 219 करोड़ दिए जा रहे हैं वहीं पिछले 7 महीने से कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता नहीं मिला।
पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में जुलाई 19 से दिसंबर 2023 तक 42 महीने का 9200 करोड रुपए सरकार ने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता समय पर न देकर नुकसान किया है।
राज्य के 7.50 लाख कर्मचारी एवं 4.50 लाख सेवानिवृत कर्मचारी महंगाई भत्ता व मंहगाई राहत न मिलने से बढ़ती हुई महंगाई में काफी परेशानी महसूस कर रहे हैं जहां सर्वे में सब्जियों के दाम 60% व दाल अन्य चीजों के दाम 20% बड़े हुए बताए गए हैं वहीं प्रदेश के कर्मचारियों को 4% महंगाई भत्ता महंगाई राहत सरकार द्वारा नहीं दी जा रही है जो कि महंगाई का सामना करने के लिए ही दिया जाता है। केंद्र द्वारा जुलाई 23 से 4% महंगाई भत्ता व महंगाई राहत दे दी गई है। सरकार द्वारा कई बार घोषणा की गई है कि केंद्र के समान और केंद्रीय दर से ही दिया जाएगा लेकिन न देने से सरकार की वादा खिलाफी जाहिर हो रही है। कर्मचारी का 1 जुलाई 2023 से बकाया महंगाई भत्ता/महंगाई राहत नहीं दी जा रही है । आगामी कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी फिर आचार संहिता के नाम पर सरकार लटका देगी।
वेतन भत्तों में अंतर होने से प्रदेश के कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने वाहन एवं मकान किराया भत्ता केंद्र के समान करने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
गृह भाड़ा भत्ता में 8 साल 2 महीने में कितना नुकसान हुआ देखिए ;
वेतनमान 98 महीने घाटा
15500- 19100 234814
19500- 24000 295012
25300- 31200 383668
32800- 40300 498368
56100- 69000 856792
67300- 82700 1027324
*प्रदर्शन मे नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज कर्मचारियों द्वारा उठाई गई इस अवसर पर हुई सभा को संघ के संरक्षक एलन कैलासिया एस एस रजक,भोपाल जिला अध्यक्ष मोहन अय्यर, मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजय रघुवंशी एवं प्रदेश पदाधिकारी मोहम्मद सलीम,एस एल पंजवानी,आशुतोष शुक्ला,जयविंद सोलंकी,अरुण भार्गव,आरिफ अली राजेश तिवारी दामोदर आर्य, अवतार सिंह, आलोक तिवारी फुलेंद्र सिंह मनोहर सिंह ठाकुर दिलीप मेहरा राजकुमार चौरसिया,अवतार सिंह,मोहन सिंह कुशवाहा आदि नेताओं ने सरकार द्वारा कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों की अनदेखी करने पर रोष व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से कर्मचारियों की मांगों पर तत्काल निर्णय लेने की अपील की है नेताओं ने कहा कि इस भीषण महंगाई में कर्मचारियों एवं सेवानिवृत कर्मचारियों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है इससे घर चलना मुश्किल हो रहा है प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए राज्य मंत्रालय कर्मचारी संघ के नेता सुभाष वर्मा स्टेनोग्राफर संगठन के अध्यक्ष मधुसूदन मेवाड़ा वरिष्ठ कर्मचारी नेता अनिल वाजपेई ओ पी कटियार भी उपस्थित थे।