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36 साल बाद भोपाल गैस कांड के एक आरोपी की भोपाल कोर्ट में पेश होने की उम्मीद

भोपाल। दिसंबर 1984 में हुई दुनिया की भयानक विभिषिकाओ में से एक भोपाल गैस कांड को लेकर अदालत में जारी कार्यवाही के दौरान 30 साल बाद पहली यूनियन कार्बाइड गैस हादसे के एक आरोपी की कोर्ट में पेश होने की उम्मीद है। यह जानकारी गैर पीड़ितों के बीच काम कर रहे चार संगठनों ने पत्रकार वार्ता में दी। उन्होनें गैस हादसे के आपराधिक मामले में डाव केमिकल कंपनी को भोपाल जिला अदालत के समन तामील कराने को लेकर खुशी जाहिर करते हुए मांग की है की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआईI) बीते 22 सालों से एक भगोड़े अपराधी को शरण देने के लिए यूनियन कार्बाइड के मालिक अमरीकी डाव केमिकल को ऐसी सज़ा दिलवाए कि वह एक मिसाल बने। इस दौरान भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्षा रशीदा बी ने कहा की बहुत संभावना है कि मंगलवार को पिछले 36 सालों में पहली बार, कोई विदेशी आरोपी भोपाल गैस हादसे के आपराधिक मामले का जवाब देने के लिए अदालत में पेश होगा। भोपाल में इंसाफ की अंतर्राष्टीय मुहीम के हमारे समर्थकों की कोशिशों की वजह से अमरीकी सांसद के 12 सदस्यों द्वारा दिए गए समर्थन के कारण ही यह संभव हुआ है। वहीं भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े औद्योगिक हादसे के लिए 1987 में सीबीआई ने यूनियन कार्बाइड पर गैर इरादतन ह्त्या का आरोप लगाया जिसमे 10 साल की सज़ा और जुर्माना का प्रावधान है। बाद में फरवरी 1992 में भोपाल जिला अदालत द्वारा यूनियन कार्बाइड को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया। साल 2001 में यूनियन कार्बाइड को अधिग्रहित कर डाव केमिकल ने भारतीय दंड संहिता की धारा 212 के तहत 3 साल की जेल और जुर्माने का अपराध किया है। पिछले 18 साल में भोपाल जिला अदालत के 7 समन के बाद मंगलवार को पहली बार उसके पेश होने की उम्मीद है। गौरतलब है की भोपाल गैस हादसे के आपराधिक मामले में सीबीआई (अभियोजन) के सहायता बतौर फरवरी 2004 में भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन द्वारा दायर आवेदन का परिणाम है, कि द डाव केमिकल कम्पनी (टीडीसीसी) यूएसए भोपाल जिला अदालत में पेश होगी।

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