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भाजपा ने मेरे रानी कमलापति वाले बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया : गोविंद सिंह
Bhopal: रानी कमलापति को लेकर दिए बयान पर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने सफाई दी हैं। रविवार को गोविंद सिंह ने सफाई देते हुए भाजपा पर उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया।
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि मैंने यह कहा था कि 18 साल बाद भाजपा को क्यों नाम बदलने की याद आई। मैंने रानी कमलापति के खिलाफ नहीं बोला। भाजपा ने मेरे बयान को तोड़फोड़ करके पेश किया है। गोविंद सिंह ने कहा कि बचपन से पिछड़ा और आदिवासियों के लड़ाई लड़ी है। भाजपा को चुनाव के समय ही आदिवासियों की याद क्यों आती हैं।
बता दें डॉ. गोविंद सिंह का भिंड में अंबेडकर जयंती पर दिए एक बयान का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें सिंह ने कहा कि रानी कमलापति को कोई नहीं जानता, ढूंढ-ढूंढकर भाजपा नाम रख रही है।
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गोविंद सिंह के इस बयान पर भाजपा के बड़े नेता हमलावर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने गोविंद सिंह पर रानी कमलापति के साथ ही आदिवासी समाज के अपमान का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सोनिया गांधी समेत कमलनाथ से गोविंद सिंह के बयान से सहमत होने को लेकर सवाल तक पूछे।
दोनों ही दलों की आदिवासी वोटर पर है नजर
मध्य प्रदेश में आदिवासी वोट बैंक 84 सीटों को प्रभावित करता हैं। इसमें से 46 सीटों आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 30 सीटें जीती थी, वहीं भाजपा के खाते में 16 सीट गई थी। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार जीता था। इसके चलते भाजपा के हाथ से सत्ता चली गई और कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। हालांकि बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और भाजपा सत्ता पर काबिज हो गई।
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कौन थी रानी कमलापति
रानी कमलापति 18वीं शताब्दी की भारत की एक रानी और वीरांगना थीं। वह भोपाल से 50 किलोमीटर दूर स्थित गिन्नौरगढ़ के गोंड राजा निजाम शाह की पत्नी थीं। नवम्बर 2021 में भोपाल के ‘हबीबगंज’ नामक रेलवे स्टेशन का नाम ‘रानी कमलपति रेल्वे स्टेशन’ किया गया। 16वीं सदी में भोपाल गोंड शासकों के अधीन था।