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लोकसभा चुनाव के लिए संभावित कैंडिडेट्स को चुनने की प्रक्रिया में जुटी भाजपा

कई सीटों पर कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान हो सकता

नई दिल्ली । भाजपा ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए मिशन मोड में जुट चुकी हैं। इसके लिए भाजपा ने अपने संभावित कैंडिडेट्स को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बार हर राज्य की अलग-अलग राजनीतिक जरूरतों के हिसाब से प्रत्याशी तय हो सकते हैं, क्योंकि जातीय जनगणना और समुदाय आरक्षण की मांग के बीच सियासी समीकरण नए मोड़ ले रहे हैं।
इस बार मुमकिन हैं कि पार्टी जीत की ज्यादा संभावनाओं वाली ए कैटेगरी की सीटों पर भी पार्टी प्रत्याशी बदल सकती है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने लोकसभा के लिहाज से संभावित प्रत्याशियों की लिस्ट बनाने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई है। यह समिति उम्र, जीत की संभावना, उम्मीदवार की जाति, लोकसभा क्षेत्र के विकास, सीट की समस्याएं तथा प्रमुख विरोधी दलों के संभावित उम्मीदवारों की प्रोफाइल बना रही है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि जैसे पांच राज्यों के चुनाव घोषित होने से पहले कुछ सीटों के प्रत्याशियों के नाम को अंतिम रूप दे दिया गया, वैसे ही कुछ सीटों के प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव घोषित होने से पहले भी तय किया जा सकता है। भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीट जीत सके, इसके लिए संभावित उम्मीदवारों के अलावा लोकसभा सीटों की स्क्रीनिंग जरूरी है और पार्टी इस काम में लग गई है।
भाजपा के सीनियर नेता ने बताया कि बिहार और उत्तरप्रदेश में जातीय जनगणना की मांग के चलते सीटों के जातीय समीकरण आने वाले दिनों में प्रभावित हो सकते हैं। यदि ओबीसी समुदाय बाहुल्य सीटों पर मौजूदा भाजपा सांसद दूसरी जाति का है, तब उसकी सीट भाजपा अगले लोकसभा चुनाव में बदल सकती है।
दिसंबर के दूसरे हफ्ते से मूल्यांकन और समीक्षा
भाजपा राज्यों के प्रभारी महासचिव, राज्य के संगठन महासचिव और मुख्यमंत्री के फीडबैक के आधार पर सीटों का मूल्यांकन कर रही है। दिसंबर के दूसरे हफ्ते से मौजूदा सांसदों के तरफ से किए गए डेवलपमेंट वर्क की समीक्षा का काम शुरू करने की योजना है। प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया में भाजपा के सहयोगी दलों के संभावित प्रत्याशियों को लेकर भी विचार होगा।

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