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अर्थ जगत में बजा भारत का डंका, मुक्त व्यापार समझौते के लिए ब्रिटेन भी तैयार

नई दिल्ली । भारत के लिए अर्थ जगत के मोर्चे से एक और बड़ी खबर आई है। दरअसल, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की प्रतिबद्धता दोहराई है। इस समझौते से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को और आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी।
FTA को लेकर क्या बोले ब्रिटिश पीएम ?
ज्ञात हो, इस संबंध में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र के साथ संबंधों को बढ़ाने के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। ब्रिटिश पीएम ने आगे कहा कि भारत के साथ यह समझौता करने पर ब्रिटेन विचार कर रहा है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने पिछले महीने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में पदभार ग्रहण करने के बाद विदेश नीति पर दिए पहले भाषण में इसका जिक्र किया। उन्होंने सोमवार रात, 28 नवंबर 2022 को लंदन के लॉर्ड मेयर के औपचारिक भोज में यह भाषण दिया।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में ”स्वतंत्रता और खुलेपन” के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटेन प्रतिबद्ध है। गौरतलब हो, पिछले महीने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनका प्रमुख विदेश नीति के संबंध में पहला भाषण था।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच भी हाल ही में हुआ FTA
ज्ञात हो, हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच भी मुक्त व्यापार समझौते को मंजूरी मिल चुकी है। बीते एक दशक में ये पहली बार था कि जब भारत ने किसी विकसित देश के साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता किया। बता दें ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच हुए समझौते के आधार पर दोनों देशों के बीच 100 फीसदी टैरिफ लाइन खोलने का फैसला किया गया था। अब इसी क्रम में ब्रिटेन और भारत के बीच भी जल्द ही बड़ा समझौता होने के आसार नजर आ रहे हैं।
भारत लगातार द्विपक्षीय कारोबार संबंधों पर दे रहा ज्यादा जोर
उल्लेखनीय है कि वैश्विक कारोबार को लेकर भारत का नजरिया अब बदल चुका है। भारत लगातार द्विपक्षीय कारोबार के संबंधों पर ज्यादा जोर दे रहा है। यूएई के साथ ऐतिहासिक समझौते के बाद ऑस्ट्रेलिया से करार और अब इसी कतार में खड़े ब्रिटेन के मुक्त व्यापार समझौते के इशारे से साफ है कि भारत का कारोबारी जगत आगामी दिनों में और अधिक बेहतर ग्रोथ हासिल करने वाला है।
बताना चाहेंगे कि भारत और ब्रिटेन के बीच भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए कई दौर की बातचीत चली थी जिसमें 5वें दौर की बातचीत बीती 29 जुलाई 2022 को पूरी की गई थी। वार्ता में शामिल अधिकारियों ने तकनीकी बातचीत मिले-जुले मोड में की थी। उस बैठक में कुछ दलों की बैठक नई दिल्ली में हुई और अधिकतर अधिकारी बैठक में वर्चुअल रूप में शामिल हुए थे। वार्ता के उस दौर के लिए दोनों पक्षों के तकनीकी विशेषज्ञ 15 नीतिगत क्षेत्रों को कवर करते हुए 85 अलग-अलग सत्रों में विस्तृत प्रारूप समझौता पाठ चर्चा के लिए एक साथ आए थे। वहीं अब ब्रिटिश पीएम ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त कर दी है। ऐसे में यह समझौता होने के पश्चात वैश्विक स्तर पर भारत की साख तो मजबूत होगी ही साथ ही साथ देश के व्यापार में भी बढ़ोतरी होगी।
क्या है मुक्त व्यापार समझौता ?
आसान शब्दों में कहें तो जब हमारे देश से कोई भी सामान दूसरे देश में भेजा जाता है या निर्यात किया जाता है तो वहां की सरकार उन सामानों या उन सर्विसेज पर कुछ टैक्स लगाती है जिन्हें ‘इम्पोर्ट ड्यूटी’ के तौर पर वसूला जाता है। इसे टेक्निकल भाषा में ‘टैरिफ’ कहा जाता है, लेकिन मुक्त व्यापार समझौते में व्यापार करने वाले देशों के बीच एक ऐसी लिस्ट तैयार की जाती है जिसमें कि उन सामानों पर या कुछ वस्तुओं पर शुल्क में छूट दी जाती है और अगर कोई ऐसा समझौता हो जिसमें कि शुल्क बिलकुल भी न लिया जाए तो उसे ‘मुक्त व्यापार समझौता’ कहा जाता है।

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