पटवारी भर्ती रद्द करने और एसआईटी से जॉच की मांग को लेकर सड़को पर उतरे उम्मीदवार,
भोपाल । मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर किया जा रहा विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। इसी कड़ी में नेशनल यूथ यूनियन से जुड़े सैकड़ों युवाओं ने पटवारी भर्ती रद्द किये जाने, इसमें हुई गड़बड़ी की जांच एसआईटी से कराने और जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर एमपी नगर में सरकार के खिलाफ विरोध प्रर्दशन करते हुए जमकर नारेबाजी की। आंदोलन कर रहे छात्रों को पुलिस ने पहले तो आंदोलन स्थल से हट जाने की समझाइश दी लेकिन आक्रोशित उम्मीदवारो ने धरना देने के बाद वल्लभ भवन की ओर कूच करने का प्रयास किया तब पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक एमपी नगर से खदेड़ दिया। पुलिस ने उन्हें व्यापम चौराहे पर बैरिकेड लगाकर रोक लिया। जब वह आगे बढ़ने का प्रयास करने लगे तब पुलिस ने पीसीसी के पास से कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी ले लिया। प्रर्दशन के लिये जुटे गुस्साये अभ्यर्थियों का आरोप है की पटवारी भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया है। बिना जांच रिपोर्ट जारी किए लाखो रुपये देकर पेपर खरीदने वालों को नियुक्ति दी जा रही है। अपात्रों को परीक्षा में फर्जी परीक्षा परिणाम के आधार पर नौकरी दी जा रही है। जिन अभ्यर्थियों ने सवाल गलत किया उन्हें भी टॉपर बना दिया गया। यदि इसकी निष्पक्ष जांच की जाती तो यह सारे लोग जेल में होते। उनका कहना है कि परीक्षा में 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। भर्ती परीक्षा को लेकर जो जांच कराई गई है, वह भी सार्वजनिक नहीं की जा रही है। जांच रिपोर्ट भी पूरी तरह से निष्पक्ष नहीं है, इसके बाद भी सामान्य प्रशासन विभाग इस फर्जी रिपोर्ट के आधार पर अपात्रों को नियुक्ति पत्र देने जा रहा है, जिसका हम विरोध करते हैं। साथ ही उन्होनें चेतावनी भी दी कि यदि प्रशासन ने यह भर्ती रद्द नहीं की तो उकना आंदोलन और उग्र होगा राजधानी सहित प्रदेश भर के सभी जिलों में युवा सड़क पर उतरकर उग्र आदोंलन करेंगे। गौरतलब है कि पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 30 जून 2023 में आया था। फर्जीवाड़े के आरोप पर तत्कालीन शिवराज सरकार ने जांच होने तक नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। बाद में 19 जुलाई 2023 में जांच के लिए आयोग गठित हुआ। 8 महीने जांच चली के बाद रिटायर्ड जस्टिस राजेंद्र वर्मा ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी। भर्ती परीक्षा को क्लीन चिट मिलने के बाद 15 फरवरी को प्रदेश की डॉ. मोहन सरकार ने चयनित अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया, कर्मचारी चयन मंडल के ग्रुप-2, सब ग्रुप-4 और पटवारी भर्ती परीक्षा के घोषित परिणाम के आधार पर ही नियुक्ति की जाए। इसके बाद से ही इसका विरोध शुरु हो गया है। नेशनल यूथ यूनियन संगठन की सरकार से मांग है, कि इन नियुक्तियों पर रोक लगाते हुए निष्पक्ष जॉच कराने के साथ ही राजेंद्र कुमार वर्मा कमेटी की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक की जाए।