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मुख्यमंत्री का फर्जी निज सचिव गिरफ्तार

बहन की शादी के कार्ड पर नाम के आगे लिखवा रखा था निज सचिव

एसपी को दिया न्यौता, तो खुली पोल
भोपाल । खुद को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का निज सचिव बताने वाले ने दमोह एसपी राकेश कुमार सिंह को अपनी बहन की शादी का कार्ड भेज दिया। कार्ड पर लिखा था- आकाश दुबे (निज सचिव, मुख्यमंत्री म. प्र. शासन भोपाल)। एसपी ने जब नाम पड़ा, तो उन्हें संदेह हुआ, क्योंकि उनकी जानकारी के मुताबिक इस नाम का कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री का निज सचिव नहीं है।
एसपी राकेश कुमार ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि आकाश दुबे नाम का कोई भी अधिकारी नहीं है। उन्होंने कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत को मामले की सत्यता जानने के लिए कहा। टीआई राजपूत ने आकाश को कोतवाली बुलाया। जब उससे पूछताछ की, तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया। पुलिस ने मुख्यमंत्री के फर्जी निज सचिव को गिरफ्तार कर लिया है।
आकाश दुबे खुद को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का निज सचिव बताकर अधिकारियों पर धौंस जमाता था। वह कई सालों से दमोह जिले में इस तरह फर्जीवाड़ा कर रहा है। अधिकारियों को संदेह ना हो और इसके लिए वो आरएसएस के बड़े नेताओं का हवाला देता था। कई बार अधिकारियों से कुछ नेताओं की सामान्य बातचीत भी करा देता था। हैरानी की बात ये है कि किसी भी पुराने अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करने का भी प्रयास नहीं किया। जब किसी अधिकारी को उस पर संदेह होने की स्थिति बनती तो वह फोन कर अपने बारे में चर्चा कर लेता था। करीब 3 साल पहले एक पुलिस अधिकारी ने आरोपी की सत्यता जानने का प्रयास किया था तो उसने आरएसएस के नेता से फोन लगवाया था।
अधिकारियों के लिए छपवाए थे कार्ड
आकाश ने अपनी बहन की शादी के करीब 100 कार्ड ऐसे छपवाए थे, जिसमें उसने खुद को मुख्यमंत्री का निज सचिव प्रिंट कराया था। यह कार्ड उसने केवल प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को देने के लिए ही छपवाए थे। बाकी नेताओं और अन्य लोगों के लिए जो कार्ड छपाए गए थे, उसमें आरोपी ने खुद को निज सचिव नहीं लिखवाया था। कोतवाली टीआई विजय राजपूत ने बताया कि उन्होंने जब भाजपा जिला अध्यक्ष प्रीतम लोधी से जानकारी ली तो पता चला कि उन्हें जो कार्ड मिला है, उसमें आकाश दुबे के नाम के आगे निज सचिव नहीं लिखा है। कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत ने बताया कि आरोपी आकाश दुबे के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 419, 170 के तहत मामला दर्ज किया गया है। क्योंकि इस अपराध में 7 साल से कम की सजा का प्रावधान है, इसलि

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