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कांग्रेस के जांच दल ने कमलनाथ को सौंपी रिपोर्ट, शिवराज सरकार पर लगाए आरोप

भोपाल । महू में युवती की संदिग्ध मौत और उसके बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग में युवक की मौत के मामले में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने चार आदिवासी नेताओं की टीम बनाकर उनसे मामले की जांच करवाई है। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को कमलनाथ को सौंप दी है। इसमें शिवराज सिंह चौहान सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

कमलनाथ ने जांच दल में कांतिलाल भूरिया, बाला बच्चन, पांचीलाल मेड़ा और झूमा सोलंकी को रखा था। रिपोर्ट सौंपने के बाद बाला बच्चन ने कहा कि जांच दल ने महू पहुंचकर पुलिस गोलीबारी में मारे गए आदिवासी युवक भेरूलाल के पिता मदनसिंह छारेल एवं संदिग्ध परिस्थितियों में मारी गई युवती के परिजनों से विधानसभा महेश्वर में मुलाकात की। आदिवासी युवक भेरूलाल शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहा था। उसे दमन करके पुलिस गोलीबारी में हत्या कर दी गई। मृत युवती के पोस्टमार्टम में पुलिस ने सही तरीका नहीं अपनाया। परिजनों पर राजनीतिक दबाव डालने की कोशिश की गई और मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई। स्थानीय भाजपा सांसद के दबाव में नौ घंटे तक मामले को दबाने की कोशिश की गई। शिवराज सरकार का रवैया पूरी तरह आदिवासी विरोधी है।
भेरूलाल के खिलाफ ही हत्या के प्रयास का मामला दर्ज
बच्चन ने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन में पुलिस की गोली से मारे गए आदिवासी युवक भेरूलाल के खिलाफ ही पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है। मृत युवती के परिवार के खिलाफ भी हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। जो लोग पीड़ित हैं, शिवराज सरकार उन्हीं को अपराधी बता रही है। जो अपराधी हैं, उन्हें राजनीतिक संरक्षण दे रही है। कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में इस मुद्दे के खिलाफ आदिवासी समुदाय को जागृत करेगी।
आदिवासी अत्याचारों में नंबर वन है मध्यप्रदेश
बाला बच्चन ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में लगातार आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं। मप्र पूरे देश में आदिवासी अत्याचार में नंबर वन है। नेमावर में आदिवासी परिवार को जमीन में जिंदा गाड़ दिया जाता है। कहीं आदिवासी युवक को गाड़ी से बांधकर घसीटा जाता है और उसकी हत्या कर दी जाती है। अब पहले आदिवासी युवती की हत्या होती है। विरोध प्रदर्शन करने पर आदिवासी युवक की हत्या की जाती है। जो मारे गए हैं उन पर और उनके परिजनों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाता है। भाजपा सरकार में आदिवासी वर्ग सुरक्षित नहीं है।

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