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संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बच्चों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के बंगले पर धरने पर बैठे
भोपाल । मध्य प्रदेश संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी सोमवार को अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले पर धरने पर बैठ गए। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से बच्चों को लेकर एएनएम भोपाल पहुंची है। इस दौरान मंत्री बंगले पर नहीं हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी संविलियन की मांग और ग्रुप-पांच के तहत होने वाली एएनएम भर्तियों में उपेक्षा का आरोप लगाया।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र सिंह भदौरिया ने कहा कि नवरात्री के पर्व पर हमारी बहनों को भोपाल आना पड़ा। स्वास्थ्य मंत्री ने हमारी हड़ताल के दौरान आश्वासन दिया था कि बहनों का समायोजन करेंगे, लेकिन 10 से 15 साल से एएनएम के पद पर काम कर रही बहनों तीन महीने बाद भी कोई समायोजन नहीं हुआ। उलटा सरकार द्वारा 2600 पदों की भर्ती निकाल दी गई है। जिसमें 20 प्रतिशत का कोटा लागू किया गया है। लेकिन नियम ऐसे डाल दिए गए है कि लंबे समय से संविदा पर काम कर रही बहने अपात्र हो गए है।
भदौरिया ने कहा कि पहले डिप्लोमा 18 महीने का होता था, लेकिन अब दो साल का माना जा रहा है। 12वीं कक्षा बायोलॉजी से मांगी गई है। भर्ती में सरकारी कॉलेज का डिप्लोमा मांगा जा रहा है। इससे निजी कॉलेज से डिप्लोमा करने वाली बहने भर्ती में भाग नहीं ले पाएगी। इस तरह नियम बदलने से हमारे संविधा कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है। हमारा मंत्री से आग्रह है कि हम संविधा कर्मचारियों का समायोजन किया जाए। एनएचएम में 7 हजार एएनएम है। स्वास्थ्य विभाग में आम जनता तक सरकारी सेवाओं का पहुंचाने का काम एएनएम करती है।