नई दिल्ली । कांग्रेस की पत्रकार वार्ता में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मनु सिंघवी एवं पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने पत्रकार वार्ता ली। उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में अजीब विरोधाभास है। एक तरफ उच्चतम न्यायालय ने एक राज्य में दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए। यह संविधान की धारा 3 का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश को वेध बताया है। वही संविधान के वहीं जम्मू कश्मीर का मामला पेंडिंग कर दिया है। उसके बारे में कोई निर्णय नहीं किया। संविधान के अनुच्छेद 3 में कहा गया है कि कुछ ना कुछ भाग प्रदेश का रहना चाहिए। लेकिन दोनों ही राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। यह संविधान के अनुसार वैध नहीं हो सकता है।सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में गंभीर विरोधाभास है। हम एक नागरिक की हैसियत से इस फैसले मैं जो विरोधाभास है। उस को स्वीकार्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर का मुद्दा खुला छोड़ दिया है। वही लद्धाख को वेध बता दिया है।
2014 के बाद से जम्मू कश्मीर में चुनाव नहीं हुए हैं। अभी भी सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में सितंबर 2024 के पहले चुनाव कराने की सलाह केंद्र को दी है। वह भी सरकार के आश्वासन के आधार पर। सरकार इस तरह के आश्वासन कई बार पहले भी दे चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने लंबित याचकाओं पर पूर्ण फैसला नहीं किया। आधा अधूरा और विरोधाभासी फैसला है। केंद्र सरकार रिमोट कंट्रोल के जरिए जम्मू कश्मीर और लद्दाख का शासन चलाना चाहती है। आखिर सरकार चुनाव कराने से क्यों डर रही है। पत्रकार वार्ता में अर्थ शास्त्री भी बैठे हुए थे।उन्होंने कहा कि 18 फ़ीसदी बेरोजगारी की दर जम्मू कश्मीर में है। जबकि राष्ट्रीय एवरेज 8 फीसदी का है। युवाओं में 30 फीसदी बेरोजगारी है। वहीं महिलाओं में 51 फ़ीसदी की बेरोजगारी है। राज्य में इन्वेस्टमेंट भी घटा है।2021-22 ओर 2021 के तुलनात्मक रूप से वर्तमान में निवेश 376 करोड़ का था। जबकि 2021 में 412 करोड़ और 2017-18 में 840 करोड रुपए निवेश किया गया था। 2019 से सरकार चुनाव कराने की बात कर रही है। 4.5 साल हो चुके हैं। जम्मू कश्मीर में निर्वाचित सरकार नहीं है।प्रधानमंत्री ने 2021 में भी कहा था,कि हम जल्द ही चुनाव करायगे। इस विलंब का कोई भी औचित्य नहीं है। केंद्र शासित प्रदेश के स्टेटस को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में विरोधाभास है। यह कहते हुए कांग्रेस ने अपनी असहमति सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर जाता दी है।