Uncategorized

प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाना भाजपा के आदिवासी और महिला विरोधी आचरण को उजागर: माकपा


भोपाल ।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत डिंडोरी जिले के गाड़ासरई में 219 आदिवासी युवतियों के सामूहिक विवाह से पहले उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जा कर उनका प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाना भाजपा के आदिवासी और महिला विरोधी आचरण को उजागर करता है। जिसकी चौतरफा निंदा ही नहीं होनी चाहिए बल्कि दोषियों को दंडित करने के साथ ही शिवराज सिंह चौहान सरकार को इसके लिए माफी भी मांगना चाहिए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है, कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बजाग में प्रेग्नेंसी टेस्ट करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि यह टेस्ट करने के लिए उन्हें ऊपर से आदेशित किया गया था। यह बात सार्वजनिक होनी चाहिए कि ऊपर का आदेश किसका था? जसविंदर सिंह ने कहा है कि जिस प्रकार भाजपा के जिलाध्यक्ष ने इस घिनौनी हरकत का समर्थन करते हुए बचाव किया है, उससे साफ है कि शिवराज सरकार के निर्देश से हुआ अपराध है। माकपा नेता ने कहा है कि भाजपा नेता का कहना है कि विवाहित लोग इस योजना का लाभ न ले पाएं, इसलिए यह टेस्ट किया गया है। मगर किसी युवती के शादीशुदा या अविवाहित होने का पता लगाने का यही एकमात्र रास्ता है? क्या संबंधित गांव के चौकीदार या पंचायत के माध्यम से यह जानकारी हासिल नहीं की जा सकती थी? आदिवासी समुदायों में यौनाचार के वह पैमाने नहीं हैं जो मनुवादी हिंदू समाज में प्रचलित हैं। जसविंदर सिंह ने कहा है कि सिर्फ आदिवासी क्षेत्रों में ही नहीं इस तरह का टेस्ट होना तो संबंधित महिला और समूचे महिला समुदाय का अपमान है। मनुवादी पुरुष प्रधान समाज सिर्फ महिलाओं की ही अग्नि परीक्षा लेता है। पुरुषों की नहीं। भाजपा नेताओं की ओर से समय समय पर आने वाले महिला विरोधी बयानों की यह अगली कड़ी है। इसीलिए तो मुख्यमंत्री भी इस निंदनीय घटना के बाद खामोश हैं। भाजपा की महिला नेत्रियां भी इसका विरोध नहीं कर रही हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि वह इस घटना की निंदा करती है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही कर उन्हें दंडित करने की मांग करती है।

Related Articles