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सायबर जालसाजो ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से की 1 करोड़ 85 लाख की ठगी

नामी कंपनियों के फर्जी स्टाक शेयर मार्केट ट्रेडिंग अकाउंट तैयार कर इंवेस्ट कराई थी रकम

भोपाल। राजधानी के बैरसिया रोड पर रहने वाले एक व्यक्त को सायबर जालसाजो ने अलग ढंग से ही अपने जाल में फंसाकर 1 करोडं 85 लाख की रकम ठग ली। जॉच में सामने आया कि शातिर ठगोरो ने नामी कंपनियों के फर्जी स्टाक शेयर मार्केट ट्रेडिंग अकाउंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाये और फिर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उन्हे अपलोड कर इन्वेस्टमेंट करते हुए मोटा मुनाफा कमाने का झांसा दिया था। फरियादी ने इसकी लिखित शिकायत सायबर सेल में की थी।
जानकारी के अनुसार हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी बैरसिया रोड पर रहने वाले 41 वर्षीय मुदस्सिर हसन सिद्दीकी पिता एमएच हसन सिद्दीकी निजी काम करते हैं। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया वह बीते कई सालो से शेयर मार्केट में रकम इंवेस्ट कर रहे थे। बीते समय फेसबुक पर स्टाक मार्केट में ट्रेडिंग से संबंधित एक विज्ञापन नजर आने पर उन्होंने उसमें दिए नंबर के आधार पर एक वाट्सएप ग्रुप जॉइन कर लिया। इसके कुछ दिनों बाद उन्हें एक अनजान नंबर से फोन आया। बातचीत करने वाले ने उनसे कहा कि वह इंद्रा सिक्योरिटीज की ग्राहक सेवा से बात कर रहा हैं। साथ ही उन्हें एक अन्य वाट्सएप ग्रुप जॉइन करने के लिये कहते हुए उन्हें लिंक भेजकर टेलीग्राम ग्रुप को जॉइन कराया गया। इस ग्रुप को इंडिया सिक्योरिटीज का बताया गया। शातिरो ने लोगो को विश्वास दिलाते हुए अपने जाल में फंसाने के लिये इस ग्रुप में इंडिया सिक्योरिटी के डायरेक्टर की असल फोटो के साथ कंपनी का डिस्क्रिप्शन लिखा था। थोड़े समय बाद मुदस्सिर ने विश्वास होने पर कंपनी के शेयर में निवेश करना शुरू किया। छोटी रकम निवेश करने पर जब फरियादी को अच्छा रिटर्न मिला तब उसने जमा की एक करोड़ की रकम के साथ ही 85 लाख रुपए कर्ज लेकर निवेश कर दिया। बढ़ी रकम इंवेस्ट करने के बाद शेयर की सेल से रोका जाने लगा। इस पर उन्हें कुछ शक हुआ तो उन्होनें ग्रुप सदस्यो से बातचीत करना शुरू की। बातचीत करने पर कुछ दिनो बाद ग्रुप एडमिन ने उन्हे जवाब देना बंद कर दिया। तब उन्हें लगा की वह ठगो के जाल में फंस गये है। तब उनकी दिये गये नंबरो पर कहीं भी संपर्क नहीं हुआ तब परेशान होकर इसकी शिकायत फरियादी ने लिखित शिकायत की। जांच के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया। पुलिस जिन खातो में रकम का ट्रासंफर किया गया है, उनकी जानकारी के आधार पर आरोपियो की पहचान जुटाने के प्रयास कर रही है।

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