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टी20 विश्वकप से पहले दक्षिण अफ्रीकी टीम में उठे कोटा विवाद से डिविलियर्स निराश

जोहान्सबर्ग । टी20 विश्वकप के लिए दक्षिण अफ्रीकी टीम में केवल एक ही अश्वेत खिलाड़ी को शामिल किये जाने पर विवाद उठा है और कई लोगों का कहना है कि इस प्रकार से टीम चयन को सही नहीं कहा जा सकता है। उनका आरोप है कि अश्वेत खिलाड़ियों की जानबूझकर उपेक्षा हुई है। वहीं क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने इससे इंकार करते हुए कहा है कि इस वर्ग के बेहतर खिलाड़ी उपलब्ध नहीं थे। वहीं विश्वकप से ठीक पहले उठे इस विवाद को दिग्गज पूर्व क्रिकेटर
एबी डिविलियर्स ने निराशाजनक बताया है। डिविलियर्स ने कहा है कि टीम में ऐसे समय में नस्ली कोटा को लेकर बात करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी बातें पहले भी उठती रही हैं वह इस बात से खुश हैं कि अब वह टीम में नहीं हैं और केवल एक दर्शक के तौर पर इसे देखेंगे।
डिविलियर्स ने कहा, ‘कोटा पर ध्यान केंद्रित करते हुए टूर्नामेंट में जाना शर्मनाक है। मेरा मतलब है कि यह कोई नई बात नहीं है, यह सिर्फ एक शर्म की बात है। डिविलियर्स ने कहा, ‘सौभाग्य से इस बार मेरा वहां कुछ भी लेना-देना नहीं है। मैं सिर्फ एक दर्शक हूं। दक्षिण अफ्रीका को हमेशा से ही ‘चोकर माना जाता रहा है जो दबाव में बिखर जाती है। टीम टूर्नामेंट से पहले प्रबल दावेदारों में शामिल होती है पर अहम मुकाबलों में असफल रहती है। साथ ही कहा कि विश्व कप में अभियान शुरू होने से कुछ दिन पहले किसी विवादास्पद विषय को उठाना ठीक नहीं कहा जा सकता है।
वर्ष 2016 में शुरू की गई कोटा नीति के अनुसार एक सत्र के दौरान दक्षिण अफ्रीका की एकादश में छह अश्वेत खिलाड़ियों का होना जरूरी है जिसमें दो अश्वेत अफ्रीकी समुदाय के खिलाड़ी भी शामिल हैं। टी20 विश्व कप टीम में कागिसो रबादा एकमात्र अश्वेत अफ्रीकी हैं। वहीं एक अन्य अश्वेत अफ्रीकी लुंगी एनगिडी को रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल हैं।
डिविलियर्स ने कहा, ‘विश्व कप से ठीक पहले दक्षिण अफ्रीकी टीम के साथ हमेशा की तरह स्वदेश में कुछ विवादास्पद लम्हे होते हैं।‘ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह एक अच्छी टीम है। लुंगी के लिए यह निराशा की बात है… (उसने) थोड़ा फॉर्म खो दिया, उसे कुछ चोटें लगीं। अन्यथा वह शायद टीम में होता और स्वदेश में कोई विवाद नहीं होता।

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