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देसी हांडी फ़ूड फेस्ट का शानदार स्वाद और जायका के साथ समापन

लंबे समय तक याद रहेगा भोपाल वासियों को


भोपाल । श्रीअन्न (मिलेट्स) से तैयार व्यंजन तथा प्रदेश की कारीगरी एवं कलाओं को एक मंच पर एकजुट करने के उद्देश्य से भोपाल के हेशल फाउंडेशन तथा कुटीर एवं ग्रामोद्योग के समन्वय से बिट्टन मार्केट दशहरा मैदान में आयोजित देसी हांडी फूड फेस्ट का रविवार को शानदार समापन हुआ | 
मिलेट्स और विंध्या वैली मसालों का तड़का
फेस्ट में श्री अन्न (मिलेट्स) से तैयार विविध आदिवासी व्यंजनों के साथ – साथ प्रदेश के विभिन्न अंचलों में प्रचलित व्यंजनों का स्वाद भी राजधानी वासियों को चखने को मिला | 
इसके अतिरिक्त अन्य विधियों जैसे बंगाली, उड़ीया, राजस्थानी, सिंधी, मुगलई आदि से तैयार मिलेट्स के व्यंजन भी फेस्ट में शामिल थे ।
खादी ग्रामोद्योग की वित्तपोषित इकाई द्वारा तैयार मालवी व्यंजन
फेस्ट में विशेष रूप से म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा पी.एम.ई.जी.पी. योजना में मसाले उत्पादन हेतु वित्तपोषित इकाई देवास यशस्वी फाउंडेशन द्वारा विंध्या वैली ब्रांड के मसालों का उपयोग करते हुए मालवी व्यंजन दाल बाफले और चूरमे के लड्डू भी परोसे गए । 
वंचित बच्चों के पोषण के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से किया गया था आयोजन
हेशल फाउंडेशन के ओर से श्री सब्यसाची तथा दीपांजन ने बताया की “फूड फेस्ट प्रदेश के स्वाद और रंगों को एकजुट करने का एक प्रयास है, जिसका उद्देश्य वंचित बच्चों के पोषण के लिए धन जुटाना है। यह संभवतः पहला अवसर है जब आदिवासी, ग्रामीण और पारंपरिक भोजन को एक साझे मंच पर पेश किया गया ।”
ग्रामोद्योग विभाग के कारीगरों द्वारा प्रत्यक्ष प्रदर्शन
इस फेस्ट में म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से चरखे पर सूत कताई, करघे पर कपडे की बुनाई का प्रत्यक्ष प्रदर्शन भी किया गया ।
इसी प्रकार हस्तशिल्प विकास निगम द्वारा एक जिला एक उत्पाद हेतु चयनित धार जिले का ब्लाक प्रिंट, भोपाल का ज़री – ज़रदोज़ी, सीहोर का खराद शिल्प (लकड़ी के खिलौने), डिंडोरी की गोंड पेंटिंग जैसी पारंपरिक कलाओं का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया गया | 
विशाल मिट्टी की हांडी बनी आकर्षण का केंद्र
प्रदेश की पारंपरिक पाक कला को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से म.प्र. माटीकला बोर्ड की ओर से राज्यस्तरीय पुरस्कार विजेता श्री देवीदीन द्वारा विशाल मिट्टी की हांडी भी प्रदर्शनी स्थल पर तैयार की गई | जिसे लोगो द्वारा सराहा गया । 
इसके साथ ही माटीकला बोर्ड के कारीगर श्री राजेश द्वारा माटी उत्पादों से विशेष साज सज्जा की गई ।
खादी और हैंडलूम उत्पाद भी उपलब्ध
इस फेस्ट में आदिवासी नृत्य, कथक और लोक गायन जैसे कार्यक्रम भी हुए । फेस्ट में ट्राइबल पेंटिंग्स, मृगनयनी और कबीरा खादी ब्रांड के एक्सक्लूसिव गारमेंट्स , हैंडमेड गुड्स, मिलेट प्रोडक्ट्स और भी बहुत से जिलों के किसानों द्वारा मिलिट्स उत्पाद उपलब्ध कराए गए ।

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