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नियति ने पहले ही तय कर लिया था अयोध्या में राम मंदिर बनेगा : अडवाणी
लाल कृष्ण अडवाणी ने राम मंदिर पर लिखा लेख
– आडवाणी का ये लेख राष्ट्रधर्म पर 15 जनवरी को प्रकाशित होगा, प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित अतिथियों को राष्ट्रधर्म का ये अंक दिया जाएगा
नई दिल्ली । राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। आडवाणी जी ने इससे पहले राम मंदिर पर एक लेख लिखा है। उन्होंने अपने लेख में लिखा है,कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा ये नियति ने पहले ही तय कर लिया था। श्री आडवाणी ने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कमी खल रही है।
देश के उप-प्रधानमंत्री रह चुके लाल कृष्ण आडवाणी ने हिंदी साहित्य की पत्रिका राष्ट्रधर्म के लिए राम मंदिर निर्माण-एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति शीर्षक से एक लेख लिखा है। आडवाणी जी ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए लिखा, मोदी हर भारतीय का प्रतिनिधित्व करेंगे। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे, तब वे हमारे भारतवर्ष के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्ब करेंगे। मेरी प्रार्थना है कि यह मंदिर सभी भारतीयों को श्रीराम के गुणों को अपनाने के लिये प्रेरित करेगा।
आडवाणीजी का ये लेख राष्ट्रधर्म पर 15 जनवरी को प्रकाशित होगा। प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित अतिथियों को राष्ट्रधर्म का ये अंक दिया जाएगा।
राम मंदिर आंदोलन के लिए आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली थी। इसे याद करते हुए उन्होंने अपने लेख में लिखा, रथयात्रा को करीब 33 साल पूरे हो चुके हैं। 25 सितंबर, 1990 की सुबह रथयात्रा शुरू करते समय हमें यह नहीं पता था कि प्रभु राम की जिस आस्था से प्रेरित होकर यह यात्रा शुरू की जा रही है, वह देश में आंदोलन का रूप ले लेगा।
आडवाणीजी ने अपने लेख में आगे लिखा, रथयात्रा के समय ऐसे कई अनुभव हुए, जिन्होंने मेरे जीवन को प्रभावित किया। सुदूर गांव के अंजान ग्रामीण रथ देखकर भाव-विभोर होकर मेरे पास आते। वे प्रणाम करते। राम का जयकारा करते। यह इस बात का संदेश था कि पूरे देश में राम मंदिर का स्वप्न देखने वाले बहुतेरे हैं। वे अपनी आस्था को जबरन छिपाकर जी रहे थे। 22 जनवरी, 2024 को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही उन ग्रामीणों की दबी हुई अभिलाषा भी पूर्ण हो जायेगी।
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ , विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी अयोध्या में श्रीरामलला के मंदिर का निर्माण शुरू करने का संकल्प कर चुकी थी। उसने 30 अक्टूबर, 1990 को नियत तिथि घोषित भी की थी। इसी संकल्प के साथ आडवाणी ने 25 सितंबर, 1990 से 30 अक्टूबर के बीच सोमनाथ से अयोध्या तक 10 राज्यों से गुजरते हुये 10 हजार किलोमीटर की रथयात्रा की। इस रथयात्रा ने देश में दबी हुई हिंदुत्व की आस्था को जगा दिया था। अब ये 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूरा होने जा रहा है।