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राई नृत्यांगनाओं का एचआईवी टेस्ट, कराना नारी जाति को किया सार्वजनिक रूप से अपमानित: डॉ सीमा सुराना

मां जानकी, करीला धाम का मामला

अशोकनगर। मध्यप्रदेश नही बल्कि पूरे भारतवर्ष में आस्था का केंद्र जानकी मां करीला धाम पर, माताजी को ध्वजा अर्पण करने वाली राई नृत्यांगना को स्वर्ग की अप्सराओं, व देवी का स्वरूप माना जाता है। उनके नृत्य कोआशीर्वाद मानाकर आस्था का प्रतीक माना जाता है। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास की डोर माँ जानकी करीला धाम मेला की राई नृत्यांगनाओ का, प्रशासन द्वारा एच आई व्ही टेस्ट कराना सिर्फ धार्मिक स्थान की मर्यादा पर प्रश्न चिन्ह है बल्कि उन माताओं बहनो पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है जोकि धार्मिक मेला आयोजन में मां जानकी का दर्शन करने आती है। 
महिला कांग्रेस कमेटी की जिला अध्यक्ष डॉ सीमा सुराना ने प्रशासन द्वारा किए गए राई नृत्यांगनाओ के एचआईवी टेस्ट कराये जाने पर, प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जानकी मां करीला धाम की राई नृत्यांगनाओं का एचआईवी टेस्ट कराना लाखों श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था पर कुठाराघात करना है। एक महिला होने के नाते मुझे प्रशासन की इस मानसिकता पर सख्त ऐतराज है, भारतीय जनता पार्टी के शासन प्रशासन में ना केवल महिलाओं के ऊपर प्रश्न चिन्ह लगाया है बल्कि वहाँ आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के ऊपर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है जो की, वहाँ की महत्वता, विश्वास को शंका के घेरे में लाकर खड़ा करता है। प्रशासन द्वारा इस तरह की कार्यवाही करना, निंदनीय, अक्षम, पूर्णता अनुचित है। हजारों श्रद्धालु नंगे पांव भूखे प्यासे मां जानकी के दरबार में लंबी कतार में लगकर दर्शन करने पहुंचते है। लाखों श्रद्धालुओं के मन में उक्त कार्रवाई के बाद में जो नकारात्मकभावनाऐं जागृत होंगी उनका जिम्मेदार कौन होगा? धार्मिक आस्था के प्रतीक जानकी के स्थान पर प्रश्न चिन्ह बनाने वाले जिम्मेदार लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाना चाहिए। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जी एक तरफ लाडली बहना योजना का शुभारंभ कर महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर धार्मिक आस्था और पौराणिक महत्वता का प्रतीक मां करीलाधाम मंदिर मेला की मुख्य सूत्रधार राई नृत्यांगनाओ के एच आई वी टेस्ट कराकर, सार्वजनिक रूप से महिलाओं का अपमान कराते है यह कहा तक उचित है। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह जी इसका जवाब आपको देना होगा, महिलाएं अपने आत्मसम्मान से समझौता नही कर सकती भा जा पा के शासनकाल में प्रशासन ने जो नारी जाति को अपमानित करने की जो साजिश की है उसका परिणाम आगामी चुनावों में, महिला अपमान एवं धार्मिक कुठाराघात के ,परिणाम के रूप में भुगतना पड़ेगा।

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